योगी आदित्यनाथ ने “काकोरी ट्रेन एक्शन” के नायकों के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की

योगी आदित्यनाथ ने “काकोरी ट्रेन एक्शन” के नायकों के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की

योगी आदित्यनाथ ने “काकोरी ट्रेन एक्शन” के नायकों के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की
Modified Date: December 19, 2025 / 08:22 am IST
Published Date: December 19, 2025 8:22 am IST

लखनऊ, 19 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के नायकों के बलिदान दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि दी।

योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के स्वाभिमान की अमर गूंज ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के नायक पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।’’

पोस्ट में योगी ने कहा, ‘‘मातृभूमि के सम्मान और स्वतंत्रता की लौ को प्रज्वलित रखने के लिए आप सभी ने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया। आपकी विरासत हमें राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संकल्प देती रहेगी।’’

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वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘शौर्य, निडरता और मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण के प्रतीक अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल जी, अशफाक उल्ला खां जी एवं रोशन सिंह जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि!’’

पोस्ट में मौर्य ने कहा, ‘‘‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के माध्यम से इन अमर वीरों ने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी। युवाओं तथा देशप्रेमियों को संगठित कर मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए उत्साहित करने वाले इन महान क्रांतिकारियों का अद्वितीय साहस और बलिदान राष्ट्र की स्मृतियों में सदैव अमर रहेगा।’’

नौ अगस्त 1925 को काकोरी में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश राज के विरुद्ध क्रांति के लिए हथियार खरीदने के मकसद से ब्रिटिश सरकार का खजाना लूट लिया था।

19 दिसंबर, 1927 को राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर, रोशन सिंह को मलाका (नैनी) जेल और अशफाक उल्लाह खां को फैजाबाद (अयोध्या) जेल में में फांसी दी गई। राजेंद्र लाहिड़ी को इससे दो दिन पहले 17 दिसंबर को गोंडा जेल में फांसी पर चढ़ाया गया।

2021 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस क्रांतिकारी घटना का नाम बदलकर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ कर दिया। इस नए नाम का इस्तेमाल आधिकारिक संचार में उस घटना के संदर्भ में किया जाने लगा, जिसे आमतौर पर ‘काकोरी ट्रेन डकैती’ या ‘काकोरी ट्रेन षड्यंत्र’ के रूप में वर्णित किया जाता था।

भाषा आनन्द सुरभि

सुरभि


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