यमन के तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हवाई हमलों में 38 लोग मारे गए: हूती विद्रोहियों का दावा

यमन के तेल बंदरगाह पर अमेरिकी हवाई हमलों में 38 लोग मारे गए: हूती विद्रोहियों का दावा

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  • Publish Date - April 18, 2025 / 12:36 PM IST,
    Updated On - April 18, 2025 / 12:36 PM IST

दुबई, 18 अप्रैल (एपी) यमन के हूती विद्रोहियों ने सोमवार को दावा किया कि तेल बंदरगाह रास ईसा को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों में 38 लोगों की मौत हो गई है और 102 अन्य घायल हुए हैं।

यह हमला 15 मार्च से जारी अमेरिकी हवाई हमलों की श्रृंखला में सबसे घातक हमलों में से एक था।

अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने हमलों की पुष्टि की है, लेकिन हताहतों के बारे में पूछे जाने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

इजराइली की सेना ने बताया कि शुक्रवार को ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इजराइल की ओर एक मिसाइल दागी गई, जिसे इजराइली सेना द्वारा बीच में ही रोक लिया गया।

सेना ने बताया कि मिसाइल हमले के कारण तेल अवीव और आसपास के इलाकों में सायरन बजने लगे।

इस बीच, अमेरिका ने आरोप लगाया कि एक चीनी उपग्रह कंपनी हूती हमलों का ‘सीधे समर्थन’ कर रही थी। इस आरोप को बीजिंग ने तुरंत स्वीकार नहीं किया।

हूतियों के अल-मसीरा उपग्रह समाचार चैनल ने रास ईसा बंदरगाह पर हमले के बाद की ग्राफिक फुटेज प्रसारित की, जिसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी दिखाई दे रही थीं। इसने कहा कि बंदरगाह पर अर्द्धचिकित्सक और असैन्य कर्मचारी हमले में मारे गए। चैनल ने भी कहा कि हमले से भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई।

सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा ‘अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के लिए ईंधन के स्रोत को खत्म करने और उन्हें अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए कार्रवाई की, जिसने 10 से अधिक वर्षों से पूरे क्षेत्र को आतंकित करने के हूती प्रयासों को वित्तपोषित किया है।’

इसने कहा, ‘इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, जो सही मायने में हूती आतंक से मुक्ति और शांति से रहना चाहते हैं।’

सेंट्रल कमांड ने किसी के भी हताहत होने की बात स्वीकार नहीं की और जब एसोसिएटेड प्रेस ने नागरिकों के मारे जाने की कथित घटना के बारे में पूछा तो टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

एपी योगेश मनीषा

मनीषा