आतंकवाद पर अमेरिका की बड़ी चोट, CIA ने ड्रोन स्ट्राइक में विश्व के इस खूंखार अलकायदा सरगना को उतारा मौत के घाट
Al qaeda leader zawahiri killed: आतंकवाद पर अमेरिका ने अब तक की बड़ी चोट की है। इससे विश्व के कई कोनों में बैठे हुए आतंकवादी थर्रा गए हैं।
Al qaeda leader zawahiri killed: आतंकवाद पर अमेरिका ने अब तक की बड़ी चोट की है। इससे विश्व के कई कोनों में बैठे हुए आतंकवादी थर्रा गए हैं। इस कार्रवाई से आतंकवादी संगठनों में खलबली मच गई है। सभी खौफ के साए में हैं। अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने अफगानिस्तान में अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को ड्रोन हमले में मार गिराया है। अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया कि 2011 में इसके संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से आतंकवादी ग्रुप को सबसे बड़ा झटका लगा है।
यह भी पढ़े : इस शहर में अचानक बढ़ गई फ्लेवर्ड कंडोम की मांग, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
अमेरिकी अधिकारियों में से एक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में CIA ने एक ड्रोन हमला किया था। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया है। ये ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है और कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ।
मिस्र के डॉक्टर और सर्जन जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी। इनमें 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) के दोनों टावर्स से टकरा गए थे। जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया। चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था। इस घटना में 3,000 लोग मारे गए थे।

यह भी पढ़े : ‘लाल सिंह चड्ढा’ को बायकॉट करने की बात पर बोले आमिर – मुझे भी होता है दुःख
बताया जाता है कि रविवार तड़के काबुल में जोरदार धमाका हुआ था। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने पहले कहा- ‘शेरपुर में एक घर को रॉकेट से निशाना बनाया गया। कोई हताहत नहीं हुआ। ये घर खाली था। तालिबान के एक सूत्र ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उस सुबह काबुल के ऊपर से ड्रोन के उड़ने की खबरें आई थीं।
‘अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन’
जवाहिरी के मारे जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान आतंकी सरगना को शरण दिए था। इससे पहले अफगानिस्तान में पिछले 20 साल तक अमेरिकी सेना की तैनाती रही है। वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में एक हमले की पुष्टि की और इसकी कड़ी निंदा की और इसे ‘अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों’ का उल्लंघन बताया।

Facebook



