बांग्लादेश: प्रदर्शनकारियों ने तस्लीमा नसरीन की किताब की प्रदर्शनी वाले ‘स्टॉल’ पर हमला किया

बांग्लादेश: प्रदर्शनकारियों ने तस्लीमा नसरीन की किताब की प्रदर्शनी वाले ‘स्टॉल’ पर हमला किया

  •  
  • Publish Date - February 12, 2025 / 01:31 PM IST,
    Updated On - February 12, 2025 / 01:31 PM IST

ढाका, 12 फरवरी (भाषा) निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन की पुस्तकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक समूह ने ढाका में पुस्तकों के एक ‘स्टाल’ पर धावा बोल दिया और इसके बाद बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने इस ‘अनुशासनहीन व्यवहार’ की जांच के आदेश दिए हैं। मीडिया खबरों में यह जानकारी दी गई है।

बीडीन्यूज24 की खबर के अनुसार, यह घटना सोमवार को अमर एकुशी पुस्तक मेले में प्रकाशन समूह सब्यसाची प्रोकाशोनी के ‘स्टॉल’ पर हुई।

खबर में कहा गया है कि मेले के 10वें दिन ‘तौहीदी जनता’ के बैनर तले एक समूह ने निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन की पुस्तकों के प्रदर्शन को लेकर सुहरावर्दी उद्यान में सब्यसाची प्रोकाशोनी के स्टॉल पर धावा बोल दिया।

इसमें कहा गया है कि समूह ने प्रकाशक को घेर लिया और नारेबाजी की। जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस, सब्यसाची के प्रकाशक शताब्दी वोबो को अपने नियंत्रण कक्ष में ले गई।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को घेर लिया, जिससे तनाव बढ़ गया।

खबर के अनुसार, व्यापक आलोचना के बाद मुख्य सलाहकार यूनुस ने सोमवार शाम को प्राधिकारियों को आदेश दिया कि वे जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाएं।

बांग्ला अकादमी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अकादमी ने प्रकाशन समूह पर हुए हमले और अराजकता की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति को तीन कार्य दिवसों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

घटना के बाद से सब्यसाची ‘स्टॉल’ नंबर 128 बंद है।

हालांकि बांग्ला अकादमी ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि उसने किसी भी ‘स्टाल’ को बंद नहीं किया और किसी भी पुस्तकों पर प्रतिबंध भी नहीं लगाया है।

अंतरिम सरकार में वास्तविक मंत्री और बांग्लादेश के भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता महफूज आलम ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि भीड़ हिंसा में शामिल होने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

‘तौहीदी जनता’ समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वे हिंसक कृत्यों में लिप्त होते हैं, कानून तोड़ने के आरोप में बिना किसी चेतावनी के उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

महफूज ने यह टिप्पणी सोमवार को उस समय की जब नसरीन की कविता की किताब की बिक्री को लेकर गुस्साए लोगों के एक समूह ने स्टॉल पर धावा बोल दिया।

खबर में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में इस्लामी पोशाक पहने कुछ लोग ‘स्टॉल’ के सामने भीड़ लगाए हुए हैं और अंदर मौजूद एक व्यक्ति को कान पकड़कर माफी मांगने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

भाषा

यासिर माधव

माधव