चीन ने यूं ही नहीं छोड़े भारतीय सेना के 10 जवान, ये है पूरा मामला…देखिए

चीन ने यूं ही नहीं छोड़े भारतीय सेना के 10 जवान, ये है पूरा मामला...देखिए

चीन ने यूं ही नहीं छोड़े भारतीय सेना के 10 जवान, ये है पूरा मामला…देखिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: June 20, 2020 9:00 am IST

नई दिल्ल्ली। 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद चीन ने भारतीय सैनिकों को छोड़ने से मना कर दिया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद चीन के रूख में बदलाव हुआ। झड़प के बाद चीन ने भारतीय सैनिकों को तीन दिनों के लिए बंदी बना लिया था। पीएलए के साथ लगातार तीन दिनों तक चली अथक बातचीत के बाद भारतीय सेना के जवानों की रिहाई हो पाई है। चीनी सैनिकों के बर्बर हमले के बाद हिरासत में लिए गए इन सैनिकों को गुरुवार दोपहर रिहा किया गया।

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सैनिकों के बीच संघर्ष गलवान नदी के दक्षिणी तट पर हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। सीमा पर गश्त प्रोटोकॉल के अनुसार, LAC पर संघर्ष के दौरान हिरासत में लिए गए सैनिकों को जल्द से जल्द लौटाए जाने का नियम रहा है। साल 2013 में चुमार पर गतिरोध के बाद एक चीनी अधिकारी जो चट्टान से गिर गया था, उस दौरान भारतीय सेना ने उसकी जान बचाई थी। इसके बाद उसे चीन भेज दिया गया था। घायल चीनी ऑफिसर का रातभर इलाज किया गया और अगली सुबह पीएलए को सौंपा गया था।

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भारतीय सेना ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शामिल कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है। गुरुवार शाम को चीन ने सभी 10 भारतीय जवानों को रिहा कर दिया। लौटकर आए जवानों में कोई भी चोटिल नहीं है। सूत्रों ने कहा है कि इलाके से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर बातचीत अगले सप्ताह जारी रहेगी। बातचीत यह सुनिश्चित करने के लिए होगी कि चीनी पीएलए गलवान घाटी से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाए और सभी मिलिट्री ग्रेड टेंट हटा ले, जिनमें उसके सैनिक रहते हैं।

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बताया जा रहा है कि दोनों सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तर की तीन दिन की बातचीत के बाद भी चीन का रुख नरम नहीं था, लेकिन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद हालात संभल सके। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय सैनिकों को हिरासत में क्यों लिया गया था।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com