चीन ने युई शियाओ यांग को बनाया अफगानिस्तान में विशेष दूत

चीन ने युई शियाओ यांग को बनाया अफगानिस्तान में विशेष दूत

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  • Publish Date - July 21, 2021 / 01:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग, 21 जुलाई (भाषा) चीन ने बुधवार को घोषणा की कि वह अफगानिस्तान में अपने विशेष दूत को बदल रहा है। चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का संवेदनशील शिनजियांग प्रांत पर बुरा असर पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है क्योंकि उईगर मुस्लिम उग्रवादियों से इस प्रांत की सुरक्षा को खतरा बना रहता है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अफगानिस्तान में वर्तमान विशेष दूत लियु जियान का स्थान युई शियाओ यांग लेंगे जो कतर, जॉर्डन और आयरलैंड में चीन के राजदूत रह चुके हैं। लियु अफगानिस्तान, मलेशिया और पाकिस्तान में चीन के राजदूत रह चुके हैं और उन्हें पिछले वर्ष ही अफगानिस्तान में विशेष दूत नियुक्त किया गया था।

एक संवाददाता सम्मेलन में झाओ ने कहा कि अफगान मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान है, ऐसे में चीन सभी संबंधित पक्षों के साथ संवाद और समन्वय को अधिक महत्व देता है और अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता कायम करने में सकारात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अमेरिका के सभी सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा जिसके बाद चीन ने अफगानिस्तान में राजनयिक सक्रियता बढ़ा दी है, विशेष दूत बदलने का कदम भी इसी कवायद का हिस्सा है।

तालिबान ने ईरान, पाकिस्तान और चीन के सीमा बिंदुओं पर कब्जा कर लिया है। ऐसी खबरें हैं कि अलगाववादी समूह ‘ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ के आतंकवादी बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के बडाकख्शान प्रांत में एकत्रित हो गए हैं। इस प्रांत की सीमा का 90 किमी का हिस्सा चीन के शिनजियांग प्रांत से लगता है।

शिनजियांग प्रांत की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और ताजिकिस्तान से भी लगती है।

हालांकि तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने हाल में एक साक्षात्कार में कहा था कि वे चीन को ‘मित्र’ की तरह देखते हैं और शिनजियांग प्रांत के उईगर अलगाववादी लड़ाकों को अफगानिस्तान से गतिविधियां करने की इजाजत नहीं देंगे। लेकिन पर्यवेक्षकों का मानना है कि तालिबान को लेकर चीन का संशय बना हुआ है।

भाषा मानसी नरेश

नरेश