चीन ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ में ‘तर्कसंगत’ सुधार का समर्थन करता है

चीन ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ में ‘तर्कसंगत’ सुधार का समर्थन करता है

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  • Publish Date - October 22, 2020 / 04:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 22 अक्टूबर (भाषा) कोविड-19 से शुरुआत में निपटने के तरीके और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ संबंधों को लेकर शुरू में आलोचनाओं की जद में आए चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय में वह ‘आवश्यक एवं तर्कसंगत’ सुधार का समर्थन करता है ताकि लोक स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने की उसकी क्षमता में बढ़ोतरी हो।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी में सुधार का समर्थन करता है ताकि उसके कामकाज में और बेहतरी आए। इस तरह की खबर है कि यूरोपीय संघ डब्ल्यूएचओ में पारदर्शिता लाने और इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियामक (आईएचआर) बनाने के लिए कुछ कदम उठाने जा रहा है जिसके तहत सदस्य देशों को स्वास्थ्य आपातकाल पर तेजी से सूचना साझा करने को और प्रभावी बनाया जाएगा। इस खबर के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह बात कही।

झाओ ने कहा, ‘‘चीन डब्ल्यूएचओ में आवश्यक एवं तर्कसंगत सुधार का समर्थन करता है ताकि लोक स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने की इसकी क्षमता में बढ़ोतरी हो और यह वैश्विक लोक स्वास्थ्य प्रशासन में मुख्य भूमिका निभा सके।’’

झाओ से यूरोपीय संघ द्वारा डब्ल्यूएचओ में सुधार की खबरों के बारे में पूछा गया था, जिसमें देशों को डब्ल्यूएचओ के साथ राष्ट्रीय अनुपालन में ज्यादा पारदर्शी बनाया जाएगा जिसके तहत सदस्य देशों को स्वास्थ्य आपातकाल पर ज्यादा तेजी से सूचना साझा करने की जरूरत होगी।

अपने जवाब में झाओ ने कहा, ‘‘संस्थान और नियमों के स्तर पर सुधार के माध्यम से राजनीतिक बाधाओं को खत्म करने का प्रयास किया जा सकता है। विज्ञान एवं पेशेवर विचारों का सम्मान किया जाए और राजनीतिकरण एवं कलंकित करने के काम को रोका जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ को वैश्विक लोक स्वास्थ्य संकट से निपटने की क्षमता में बढ़ोतरी के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने होंगे और सभी के लिए स्वास्थ्य की अवधारणा को बरकरार रखना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सदस्य देशों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के माध्यम से सर्वसम्मति के आधार पर सुधारों को आगे बढ़ाना होगा, न कि किसी देश के स्वार्थी राजनीतिक हितों को पूरा करना होगा।’’

कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए समय पर काम नहीं करने को लेकर डब्ल्यूएचओ को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खास तौर पर उसकी आलोचना करते हुए संगठन को चीन की ‘‘कठपुतली’’ करार दिया था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा को 23 सितम्बर को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर हमला किया और कहा कि ‘‘वस्तुत: यह चीन द्वारा नियंत्रित होता है।’’

ट्रम्प प्रशासन ने न केवल डब्ल्यूएचओ को धन देना बंद कर दिया बल्कि संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक तौर पर सूचित किया कि अमेरिका वैश्विक स्वास्थ्य निकाय से अलग हो रहा है।

भाषा नीरज नीरज दिलीप

दिलीप