नेपाल। चीन अपने वन बेल्ट वन रोड परियोजना के अंतर्गत पाकिस्तान के बाद नेपाल में भी भारतीय सीमाओं के पास सड़क निर्माण कर भारत को चौतरफा घेरने की कोशिश कर रहा है।
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पांच साल में पूरी होने वाली इस सड़क से चीन और भारत सीमा के बीच का सफर महज चार घंटे में तय होगा। इसके अलावा नेपाल में चीन की मदद से आयुध फैक्टरी के निर्माण का भी प्रस्ताव है। इन योजनाओं पर भारतीय एजेंसियों ने अपनी चिंता जाहिर की है। नेपाल में भारत विरोधी प्रचार के लिए चीन की फंडिंग की भी पुख्ता जानकारी भारतीय एजेंसियों को मिली है। समिति में शामिल लोगों के नाम भी एजेंसियों ने उजागर किए हैं।
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चीन अपने अपने व्यापारिक हित के अलावा सैन्य रणनीतिक संबंधों पर खास ध्यान दिया है। चीन एशिया में भारत को बढ़ने नहीं देना चाहता। श्रीलंका और मालदीव में भी चीन ने यही किया। नेपाल में भी उन्होंने पैठ बनाई है। अगर भारत-नेपाल सीमा तक चीन सड़क बना लेता है तो यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से बड़ी चुनौती होगा। भारत को नेपाल से मिलकर काउंटर रणनीति पर काम करना होगा।
सूत्रों ने कहा, नेपाल आयुध फैक्टरी को लेकर चीन की मदद हासिल करने की मंशा जाहिर कर चुका है। नेपाल ने कहा है कि वह अपने यहां हथियार और विशिष्ट किस्म की वर्दी का निर्माण करना चाहता है। लुम्बिनी में मोनो रेल परियोजना को लेकर भी दोनों देशों के बीच जल्द बैठक होने वाली है।