यूएनएससी में ‘कश्मीर पर चर्चा’ वाला प्रस्ताव चीन ​ने लिया वापस, सिक्यॉरिटी काउंसिल के सदस्यों ने बताया भारत का अंदरूनी मामला

यूएनएससी में 'कश्मीर पर चर्चा' वाला प्रस्ताव चीन ​ने लिया वापस, सिक्यॉरिटी काउंसिल के सदस्यों ने बताया भारत का अंदरूनी मामला

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  • Publish Date - December 18, 2019 / 01:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

नईदिल्ली। कश्मीर पर बंद कमरे में चर्चा वाले प्रस्ताव को चीन ने वापस ले लिया है। चीन ने यूनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में बंद कमरे में चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा था। सिक्यॉरिटी काउंसिल के सदस्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के विरोध के बाद चीन ने यह कदम उठाया है। दिसंबर में यूएनएससी के अध्यक्ष बने अमेरिका ने चीन के समर्थन वाला प्रस्ताव रोकने की अगुवाई की। वहीं, फ्रांस ने इसे भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला बताया है।

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यूएनएससी में इस मुद्दे पर ब्रिटेन ने पहली बार भारत का साथ खुले तौर पर दिया है, वहीं यूएनएससी के एक अन्य स्थायी सदस्य रूस ने कहा कि फोरम में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। रूस का कहना था कि अजेंडा में दूसरे अहम वैश्विक मुद्दे होने चाहिए। 15 सदस्यों वाली यूएनएससी में शामिल इंडोनेशिया ने इस बात पर ऐतराज जताया कि लाइन ऑफ कंट्रोल के भारतीय क्षेत्र की ओर सुरक्षा बलों के जमावड़े को चर्चा का आधार क्यों बनाया जा रहा है। इंडोनेशिया ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है।

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जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद जारी किए गए मानचित्र को देखते हुए चीन चर्चा कराना चाहता था। भारत की अमेरिका से 2+2 वार्ता बुधवार से शुरू होने वाली है और विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के लिए 21 दिसंबर को वांग यी भारत आने वाले हैं। ऐसे में यूएनएससी में बंद कमरे में चर्चा पर जोर देने का मकसद केवल यह था कि सीमा मुद्दे को लेकर भारत पर दबाव बनाया जाए।

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21 दिसंबर को विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत मोदी सरकार के दोबारा बनने के बाद से दोनों देशों के बीच वार्ता का पहला दौर है। मामल्लपुरम में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत बढ़ाने का निर्णय किया गया था ताकि लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थिति साफ की जा सके।

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