कोविड-19 या स्वास्थ्य सेवाओं पर इसके असर से करीब 1.5 करोड़ मौतें हुईं : डब्ल्यूएचओ |

कोविड-19 या स्वास्थ्य सेवाओं पर इसके असर से करीब 1.5 करोड़ मौतें हुईं : डब्ल्यूएचओ

कोविड-19 या स्वास्थ्य सेवाओं पर इसके असर से करीब 1.5 करोड़ मौतें हुईं : डब्ल्यूएचओ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : May 5, 2022/6:34 pm IST

लंदन, पांच मई (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि पिछले दो वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई। यह देशों द्वारा मुहैया कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 60 लाख मौत के दोगुने से अधिक है। ज्यादातर मौतें दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुईं।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने इस आंकड़े को ‘‘गंभीर’’ बताते हुए कहा कि इससे देशों को भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ के तहत वैज्ञानिकों को जनवरी 2020 और पिछले साल के अंत तक मौत की वास्तविक संख्या का आकलन करने की जिम्मेदारी दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 1.33 करोड़ से लेकर 1.66 करोड़ लोगों की मौत या तो कोरोना वायरस या स्वास्थ्य सेवा पर पड़े इसके प्रभाव के कारण हुई। जैसे कि कोविड मरीजों से अस्पताल के भरे होने के कारण कैंसर के मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया।

यह आंकड़ा देशों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और सांख्यिकी मॉडलिंग पर आधारित है। डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 से सीधे तौर पर मौत का विवरण नहीं मुहैया कराया है।

येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में संक्रामक रोग विशेषज्ञ अल्बर्ट कू ने कहा, ‘‘किसी संख्या के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचना जटिल काम है लेकिन डब्ल्यूएचओ के ये आंकड़े यह समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि हमें भविष्य की महामारी का मुकाबला कैसे करना चाहिए और किस तरह की तैयारी रखनी चाहिए।’’

भारत जैसे देशों ने कोविड-19 से हुई मौतों के आकलन की पद्धति को लेकर सवाल उठाए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में भारत सरकार ने नए आंकड़े जारी किए जिससे पता चला कि पिछले साल की तुलना में 2020 में 474,806 अधिक मौतें हुईं। भारत ने 2021 के लिए मौत का अनुमान जारी नहीं किया।

ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. भरत पंखानिया ने कहा कि खासकर गरीब देशों में कोविड-19 से हुई मौतों के बारे में सटीक संख्या का पता कभी नहीं चल सकेगा। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में कोविड-19 से अधिक नुकसान हो सकता है।

एपी आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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