तख्तापलट, प्रदर्शनकारियों पर बर्बर कार्रवाई को लेकर म्यांमा के अधिकारियों पर ईयू की पाबंदी

तख्तापलट, प्रदर्शनकारियों पर बर्बर कार्रवाई को लेकर म्यांमा के अधिकारियों पर ईयू की पाबंदी

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  • Publish Date - March 22, 2021 / 03:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

ब्रसेल्स, 22 मार्च (एपी) यूरोपीय संघ (ईयू) ने म्यांमा के 11 अधिकारियों पर सोमवार को प्रतिबंध लगाया, जिनमें से ज्यादातर शीर्ष सैन्य अधिकारी हैं। उनपर पिछले महीने तख्तापलट में शामिल होने और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई करने का आरोप है।

यूरोपीय संघ के मुख्यालय ने जारी एक बयान में कहा कि जिन 11 अधिकारियों की सम्पत्ति पर रोक और यात्रा प्रतिबंध लगाये गए हैं उनमें से 10 म्यांमा के सशस्त्र बलों के वरिष्ठ सदस्य हैं। इनमें कमांडर-इन-चीफ़ मिन आंग ह्लाइंग और डिप्टी कमांडर-इन-चीफ़ सो विन शामिल हैं।

अन्य अधिकारी चुनाव आयोग के प्रमुख हैं और उनपर आरोप है कि पिछले साल के चुनाव को रद्द करने में उन्होंने भूमिका निभाई।

म्यांमा के सैन्य जुंटा ने संसद को एक फरवरी को आहूत करने से रोक दिया था। उसने दावा किया था कि पिछले नवंबर के चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी। उस चुनाव में आंग सान सू ची की पार्टी ने जीत हासिल की थी। जीत की पुष्टि करने वाले चुनाव आयोग को भी जुंटा ने हटा दिया है।

म्यांमा में पांच दशक के सैन्य शासन के बाद लोकतंत्र की दिशा में जो थोड़ी बहुत प्रगति हुई थी, तख्तापलट के कारण उसे बहुत बड़ा झटका लगा।

तख्तापलट के विरोध में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं और जुंटा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई कर रहा है। यहां के हालात की जानकारी बाहरी दुनिया तक न पहुंच सके, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इंटरनेट तक पहुंच को अत्यंत सीमित कर दिया गया है, निजी प्रकाशकों के अखबारों के प्रकाशन को रोक दिया गया है और बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों, पत्रकारों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

एपी अमित दिलीप

दिलीप