बर्लिन, 23 फरवरी (भाषा) जर्मन मतदाता रविवार को एक नयी सरकार का चुनाव कर रहे हैं। यह चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जब यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में वर्षों से चले आ रहे ठहराव, प्रवासन पर अंकुश लगाने का दबाव तथा यूक्रेन के भविष्य और यूरोप के अमेरिका के साथ गठबंधन को लेकर बढ़ती अनिश्चितता जैसी चिंताएं प्रमुखता से सामने आ रही हैं।
मध्य-दक्षिणपंथी विपक्ष की जीत की संभावना अधिक है, जबकि सर्वेक्षणों से पता चलता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी भी दक्षिणपंथी पार्टी को सबसे मजबूत परिणाम मिलने की संभावना है।
जर्मनी 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में सबसे अधिक आबादी वाला देश है और नाटो का एक प्रमुख सदस्य है। यह अमेरिका के बाद यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है।
यह चुनाव ट्रंप प्रशासन की टकरावपूर्ण विदेश और व्यापार नीति सहित आने वाले वर्षों की चुनौतियों के प्रति महाद्वीप की प्रतिक्रिया को आकार देने में केन्द्रीय भूमिका निभाएगा।
शीर्ष उम्मीदवारों में रूढ़िवादी अग्रणी उम्मीदवार फ्रेडरिक मर्ज़ और सोशल डेमोक्रेट्स के वर्तमान चांसलर ओलाफ शोल्ज ने रविवार की सुबह देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ ही मिनटों के अंतराल पर मतदान किया।
यह चुनाव मूल रूप से तय समय से सात महीने पहले हो रहा है, क्योंकि नवंबर में मध्य वामपंथी चांसलर ओलाफ शोल्ज का गठबंधन टूट गया था, तीन साल का कार्यकाल अंदरूनी कलह से प्रभावित रहा था। मतदाताओं में व्यापक असंतोष है तथा किसी भी उम्मीदवार के प्रति कोई खास उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
भाषा प्रशांत नरेश
नरेश