लॉकडाउन के बीच खिड़कियों से चीख रहे भूखे-प्यासे लोग, यहां घर से बाहर निकलने में लगी पाबंदी

चीन में कोरोना की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। शंघाई में लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है। ऐसे में लोग खिड़कियों से चिल्लाकर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। सरकार ने इसपर भी रोक लगा दी है। lockdown in china Hungry and thirsty people screaming from the windows amid the lockdown

लॉकडाउन के बीच खिड़कियों से चीख रहे भूखे-प्यासे लोग, यहां घर से बाहर निकलने में लगी पाबंदी

Lockdown impose in Chengdu city

Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: April 10, 2022 7:02 pm IST

बीजिंग। lockdown in china: चीन के शंघाई में कोरोना और सरकार की सख्ती के बाद चीख पुकार शुरू हो गई है। 2.6 करोड़ की आबादी वाला शहर जिसे चीन की वित्तीय राजधानी कहा जाता था, आज वहां लोग दाना पानी के लिए तरस रहे हैं। सरकार की तरफ से लॉकडाउन में ढील देने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

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lockdown in china: सोशल मीडिया पर शंघाई के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें साफ देखा जा सकता है कि लोग बिना खाना-पानी और दवा के किस तरह से तड़प रहे हैं। घरों से बाहर निकले पर पूरी तरह से पाबंदी लगी है। अब लोग अपनी बालकनी और खिड़कियों से ही झांकते नजर आते हैं। गुस्से में वे खिड़कियों से चीखकर सरकार के खिलाफ विरोध जाहिर करते हैं।

यहां पर जब लोगों ने खिड़कियों से चिल्ला-चिल्लाकर विरोध किया तो सरकार ने भी प्रतिक्रिया में कह दिया कि आजादी की अपनी इच्छा को दबाकर रखें। प्रशासन ने लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा लोगों को संदेश देने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने यहां तक कह दिया है कि लोग अपनी खिड़कियां न खोलें, इससे भी महामारी फैलने का डर है।

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चीन के शंघाई में कई जगहों पर लोगों की हिम्मत जवाब दे गई और हिंसा भी होने लगी। बड़ी संख्या में लोग प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आए। एक अप्रैल से पूरे शंघाई में कड़ा लॉकडाउन लगा है। सरकार ने दो हजार सेना के डॉक्टर और 10 हजार मेडिकल स्टाफ को शंघाई भेजा है। यहां हाल यह है कि कई बार बच्चों को भी क्वारंटीन करने के लिए मां-बाप से अलग कर दिया जाता है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com