राजनीति के कारण मैंने अपनी मां और पत्नी को खो दिया: पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ ने कहा

राजनीति के कारण मैंने अपनी मां और पत्नी को खो दिया: पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ ने कहा

राजनीति के कारण मैंने अपनी मां और पत्नी को खो दिया: पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ ने कहा
Modified Date: October 21, 2023 / 10:20 pm IST
Published Date: October 21, 2023 10:20 pm IST

लाहौर, 21 अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अपनी मां और पत्नी को राजनीति के कारण खो दिया, और यह बताते हुए भावुक हो गए कि कारावास के दौरान उन्होंने उनकी मौत की खबर का कैसे सामना किया।

ब्रिटेन में चार साल का स्व-निर्वासन समाप्त कर पाकिस्तान लौटने के तुरंत बाद 73 वर्षीय शरीफ ने आज शाम यहां मीनार-ए-पाकिस्तान में एक विशाल रैली को संबोधित किया।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख ने दावा किया कि रैली में उमड़े पार्टी समर्थकों के प्यार को देखने के बाद वह अपना ‘‘दुख और दर्द’’ भूल गए हैं।

 ⁠

उन्होंने कहा, “याद न भी करना चाहूँ तो भी, कुछ ज़ख्म ऐसे होते हैं जो कभी नहीं भर पाते।”

शरीफ ने रुंधी हुई आवाज़ में कहा कि उन्होंने अपनी माँ और पत्नी को ‘राजनीति के कारण’ खो दिया है और याद किया कि कैसे वह अपनी माँ, पिता या पत्नी को अंतिम विदाई नहीं दे सके।

उन्होंने मंच पर बैठे अपने भाई शहबाज, अपनी बेटी मरयम और पार्टी के अन्य नेताओं की ओर देखते हुए कहा, ‘‘मेरी पत्नी कुलसुम अपने अंतिम क्षण गिन रही थी। मैंने उनसे (जेल अधिकारियों से) अनुरोध किया कि वे उससे बात करने के लिए एक फोन करने की अनुमति दें। मैं आपको उस समय के बारे में बता रहा हूं जब मैं अदियाला जेल में था। ढाई घंटे तक मैं उनसे अनुरोध करता रहा, लेकिन उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी और आख़िरकार, मुझे उसकी मौत की ख़बर दी।’’

शरीफ ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा कि वे मरयम को (कुलसुम की मौत की) खबर देंगे, लेकिन मैंने कहा नहीं। कल्पना कीजिए, वह और अन्य लोग इसे कैसे सहन कर सकेंगे, जब वे बिलकुल अकेले हों।’’

कुलसुम की 2018 में 70 वर्ष की आयु में लंदन में मृत्यु हो गई, जब शरीफ और उनकी बेटी मरयम, दोनों भ्रष्टाचार के मामलों में पाकिस्तान में जेल की सजा काट रहे थे।

पिछले चार साल लंदन में बिताने के बाद शरीफ दुबई से दोपहर के समय इस्लामाबाद पहुंचे। अपनी जमानत के संबंध में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, वह पंजाब प्रांत में पीएमएल-एन के गढ़ लाहौर के लिए रवाना हुए।

भाषा नेत्रपाल सुभाष

सुभाष


लेखक के बारे में