आईएमईईसी का वैश्विक संपर्क पर गहरा प्रभाव पड़ेगा : जयशंकर

आईएमईईसी का वैश्विक संपर्क पर गहरा प्रभाव पड़ेगा : जयशंकर

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 07:36 PM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 07:36 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

मार्सेय (फ्रांस), 13 जून (भाषा) संपर्क को कूटनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि एक बार पूरा हो जाने पर आईएमईईसी, यूरोप से लेकर प्रशांत महासागर तक महत्वपूर्ण भूमि और समुद्री संपर्क प्रदान करेगा।

भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) में दो अलग-अलग गलियारे होंगे, पूर्वी गलियारा भारत को खाड़ी देशों से जोड़ेगा और उत्तरी गलियारा खाड़ी देशों को यूरोप से जोड़ेगा।

जयशंकर ने यहां ‘रायसीना मेडिटेरेनियन 2025’ के उद्घाटन समारोह में एक परिचर्चा में जितने अधिक विकल्पों और विविधताओं के साथ संभव हो सके भूमि, समुद्री और हवाई संपर्क की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, “आज के दौर में संपर्क (कनेक्टिविटी) की पहलें कूटनीति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई हैं।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भले ही आईएमईईसी अभी पूरी तरह अस्तित्व में नहीं आया है, फिर भी यूरोप को भारत के पश्चिमी तट तक “काफी सुगम और कुशल पहुंच” प्राप्त है, यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा समुद्री व्यापार पर जारी खतरे के बावजूद। उन्होंने कहा, “हम रेलवे में बहुत बड़ा निवेश कर रहे हैं और पूर्वी भारत को वियतनाम तक जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।”

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप