इज़राइल और फलस्तीन को किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिएः भारत

इज़राइल और फलस्तीन को किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिएः भारत

इज़राइल और फलस्तीन को किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिएः भारत
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: February 28, 2021 7:44 am IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 28 फरवरी (भाषा) भारत ने कहा है कि इज़राइल-फलस्तीन मुद्दे का हल दोनों राष्ट्र मिलकर खुद ही कर सकते हैं और दोनों पक्षों को सीधी बातचीत के जरिए मुद्दे का समाधान करना चाहिए और इन मुद्दों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए ।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत के. नागराज नायडू ने ‘पश्चिम एशिया में स्थिति, जिसमें फलस्तीन का सवाल भी शामिल है’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि नई दिल्ली फलस्तीन के लिए और एक संप्रभु और स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना के प्रति अपना समर्थन दोहराता है जो शांति और सुरक्षा के साथ इज़राइल के साथ रहे।

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उन्होंने कहा, “ हमारा दृढ़ता से मानना है कि सिर्फ ‘दो राष्ट्र समाधान’ से ही स्थायी शांति होगी जो इज़राइल और फलस्तीन के लोग चाहते हैं और उसके हकदार हैं। इसे अंतिम स्थिति के मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के जरिए हासिल किया जाना चाहिए। इन अंतिम मुद्दों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए।“

नायडू ने रुकी हुई शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने के लिए हालिया कूटनीतिक प्रयासों को उत्साहजनक करार दिया और कहा कि ‘क्वॉर्टेट’ (पश्चिम एशिया में शांति स्थापना के लिए लगी चार प्रमुख शक्तियां) के विशेष राजदूत की बैठकें समय पर हुई हैं। भारत ने ‘क्वॉर्टेट’ से इज़राइल और फलस्तीनी नेतृत्व के साथ बातचीत शुरु करने को कहा है।

नायडू ने कहा, “भारत उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है, जिसका उद्देश्य अंतररष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करना है ताकि सीधी बातचीत फिर से शुरू हो और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।’’

पश्चिम एशिया में शांति के लिए विशेष समन्वयक और महासचिव के निजी प्रतिनिधि टूर वेन्नेसलैंड ने परिषद की बैठक में कहा कि वैश्विक समुदाय की तवज्जो पक्षों को बातचीत की मेज पर वापस लाने में मदद करने की है।

इस महीने के शुरू में अरब राष्ट्रों की लीग ने 1967 की सीमा पर आधारित स्वतंत्र और संप्रभु फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना को लेकर अपना समर्थन दोहराया था जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम बनाए जाने का पक्ष लिया था।

भाषा नोमान नीरज

नीरज


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