(जीशान हैदर)
यरूशलम, छह दिसंबर (भाषा) इजराइल की एक प्रमुख रक्षा कंपनी ने बताया कि उसकी योजना अगले साल की शुरुआत में भारत को 40,000 लाइट मशीन गन (एलएमजी) की पहली खेप की आपूर्ति करने की है जबकि लगभग 1,70,000 नए जमाने की कार्बाइन (एक प्रकार की बंदूक) की आपूर्ति के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर से जुड़ी प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
‘इजराइल वेपन इंडस्ट्रीज’ (आईडब्ल्यूआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शुकी श्वार्ट्ज ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी वर्तमान में भारत के गृह मंत्रालय की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर पिस्तौल, राइफल और मशीन गन सहित उनके उत्पादों का विपणन कर रही है।
श्वार्ट्ज ने ‘पीटीआई’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “हम अभी तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल हैं। पहला, 40,000 लाइट मशीन गन का अनुबंध, जिस पर पिछले साल हस्ताक्षर किए गए थे। हमने सभी परीक्षण और सरकारी जांच पूरी कर ली है तथा हमें उत्पादन का लाइसेंस मिल गया है। हमारा इरादा साल की शुरुआत में पहली खेप की आपूर्ति करने का है।”
उन्होंने आपूर्ति की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर कहा, “एलएमजी की आपूर्ति पांच साल के लिए है। हम इसे और भी जल्दी दे सकते हैं लेकिन पहली आपूर्ति साल की शुरुआत में होगी।”
श्वार्ट्ज ने बताया कि दूसरे कार्यक्रम में सीक्यूबी (क्लोज क्वार्टर्स बैटल) कार्बाइन निविदा शामिल है, जहां कंपनी दूसरी बोलीदाता थी।
‘भारत फोर्ज’ प्राथमिक बोलीदाता है।
उन्होंने बताया, “हमारा इरादा अनुबंध का 40 प्रतिशत आपूर्ति करने का है। हम अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में हैं और मेरा मानना है कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।”
‘सीक्यूबी कार्बाइन’ की आपूर्ति का 60 प्रतिशत ‘भारत फोर्ज’ करेगा जबकि शेष 40 प्रतिशत (170,000 इकाइयां) अदाणी समूह की सहायक कंपनी पीएलआर सिस्टम्स द्वारा वितरित की जाएंगी।
उन्होंने ‘पीएलआर सिस्टम्स’ के माध्यम से अदाणी समूह के साथ एक मजबूत साझेदारी पर भी प्रकाश डाला, जो हल्के हथियारों के निर्माण और स्थानीय स्तर पर आर्बेल प्रणालियों के एकीकरण पर केंद्रित है।
श्वार्ट्ज ने यूरोपीय देशों द्वारा कुछ उपकरणों की आपूर्ति पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध के बारे में पूछे जाने पर कहा, “इस कारण से इजराइल को अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाने की आवश्यकता है और वैश्विक स्तर पर रक्षा बलों का समर्थन करने के लिए हमारी अपनी आपूर्ति श्रृंखला है। हमने अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए इस आपूर्ति श्रृंखला का विकास किया है।”
भाषा जितेंद्र संतोष
संतोष