ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही से पहले सांसदों को मिल रही है धमकी

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही से पहले सांसदों को मिल रही है धमकी

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  • Publish Date - January 25, 2021 / 06:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

वाशिंगटन, 25 जनवरी (एपी) संघीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने से पहले कांग्रेस के सदस्यों को जान से मारने या अमेरिकी संसद के बाहर उन पर हमला करने की धमकियों की जांच कर रहे हैं।

अमेरिका के एक अधिकारी ने ‘एपी’ को बताया कि धमकियों, यूएस कैपिटल (संसद परिसर) पर दोबारा हथियारबंद प्रदर्शनकारियों के हमले की चिंता के बीच कैपिटल पुलिस और अन्य संघीय सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप के खिलाफ सुनवाई से पहले ‘नेशनल गार्ड’ के हजारों सैनिकों को वाशिंगटन में ही तैनात रहने देने का फैसला किया है।

ट्रंप समर्थकों के छह जनवरी को अमेरिकी संसद पर किए हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण करने से पहले ‘नेशनल गार्ड’ के हजारों सैनिकों को यहां तैनात किया गया था।

शपथ समारोह तो शांतिपूर्ण तरीकों से सम्पन्न हो गया था, लेकिन ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही से पहले सांसदों को मिल रही धमकी ने अब चिंता बढ़ा दी है।

नाम उजागर ना करने की शर्त पर मामले से अवगत अधिकारी ने बताया कि बाइडन के शपथ समारोह से पहले जांचकर्ताओं को ऐसी ही धमकियां मिली थीं, लेकिन अब सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी इस बात का पता लगा रहे हैं कि यह कितनी विश्वसनीय हैं।

अधिकारी ने बताया कि इनमें से अधिकतर ऑनलाइन ‘चैट ग्रुप’ पर जारी किए गए इन संदेशों में सुनवाई के लिए कैपिटल परिसर आत-जाते समय सांसदों पर हमला करने की साजिश रचने की बाते हैं।

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही आठ फरवरी से शुरू की जाएगी। अमेरिका के किसी भी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ पहली बार महाभियोग की कार्यवाही की जाएगी।

गौरतलब है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और वह तीन नवम्बर को हुए चुनाव में धोखाधड़ी के दावे कर रहे थे। उनके इन दावों के बीच ही, कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में ट्रंप के समर्थकों ने धावा बोला था और हिंसा की थी, जिसमें कैपिटल पुलिस के एक अधिकारी तथा चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद ही ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही चलाने का संसद ने फैसला किया।

एपी निहारिका प्रशांत

प्रशांत