चीन के बढ़ते दबाव के बीच मकाऊ ने ताइपे में अपना कार्यालय किया बंद

चीन के बढ़ते दबाव के बीच मकाऊ ने ताइपे में अपना कार्यालय किया बंद

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  • Publish Date - June 17, 2021 / 06:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

मकाऊ (चीन), 17 जून (एपी) हांगकांग के बाद अब चीनी स्वायत्त क्षेत्र मकाऊ ने भी ताइवान में अपना प्रतिनिधित्व कार्यालय बंद कर दिया है। इस स्वशासित द्वीप को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की कार्रवाई तेज करने के चीन के दबाव के बीच यह कदम उठाया गया है।

मकाऊ ने कार्यालय बंद करने की कोई वजह नहीं बतायी। यह घोषणा बुधवार को की गई और शनिवार से कार्यालय बंद हो जाएगा। हांगकांग की तरह मकाऊ ताइवान में अपने निवासियों को सेवा मुहैया कराने के लिए एक टेलीफोन हॉटलाइन बना रहा है।

इससे पहले एक अन्य अर्धस्वायत्त चीनी क्षेत्र हांगकांग ने ताइपे में अपना कार्यालय बंद करते हुए ताइवान सरकार पर हांगकांग के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया था। ताइवान सरकार ने 2019 में हांगकांग में हुए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन का समर्थन किया था और बीजिंग की कार्रवाई के बाद हांगकांग से भागकर आने वाले लोगों को शरण दी थी।

चीन के साथ संबंधों के लिए जिम्मेदार ताइवान की मुख्य भूभाग मामलों की परिषद ने कहा कि संबंधों में बाधा के लिए हांगकांग को नतीजे भुगतने पड़ेंगे और शहर में ताइवान का कार्यालय काम करता रहेगा। हालांकि हांगकांग में ताइवान के वाणिज्य दूतावास को लेकर चिंताएं पैदा हो गयी है। हांगकांग में ताइपे के आर्थिक और सांस्कृतिक कार्यालय ने उसके कई अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने उन घोषणापत्रों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया जिसमें बीजिंग के इस दावे का समर्थन किया गया है कि ताइवान चीन का हिस्सा है।

ताइवान और चीन के बीच संबंध हाल के वर्षों में बिगड़ गए है। चीन ने इस द्वीप पर कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है और हांगकांग पर भी अपना नियंत्रण बढ़ा दिया है। चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है और वह जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेने का इरादा रखता है।

एपी

गोला मनीषा

मनीषा