स्कूल बंद होने के बाद प्रेग्नेंट हो गईं कई लड़कियां, कोर्ट ने बढ़ाई ‘सहमति से सेक्स’ की उम्र

जिम्बाब्वे में अधिक उम्र के पुरुषों द्वारा कम उम्र की लड़कियों के यौन-उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। इस कारण लड़कियां कम उम्र में ही गर्भवती हो जा रही हैं और अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पा रही हैं। इसे देखते हुए अदालत ने लड़कियों के सेक्स की सहमति की उम्र को 16 से बढ़ाकर 18 करने का आदेश दिया है। Many girls became pregnant after school closure, court increased the age of consent sex

स्कूल बंद होने के बाद प्रेग्नेंट हो गईं कई लड़कियां, कोर्ट ने बढ़ाई ‘सहमति से सेक्स’ की उम्र

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: May 28, 2022 4:44 pm IST

girls became pregnant after school closure: नई दिल्ली,28 मई 2022। जिम्बाब्वे में कम उम्र की लड़कियोें में गर्भधारण के मामले बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं यौन शोषण के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही हैै। जी हां दक्षिण अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे की सर्वोच्च अदालत ने लड़कियों को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। यहां महिलाओं के शोषण और कम उम्र में ही गर्भवती हो जाने के बाद से स्कूल छोड़ने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए देश की अदालत ने लड़कियों के सेक्स की सहमति की उम्र को 16 से बढ़ाकर 18 साल करने का आदेश दिया है।

यहां की सर्वोच्च अदालत में लड़कियों के कंसेंट से जुड़ा मामला दो महिलाओं के द्वारा लाया गया था, जिनकी शादी बेहद कम उम्र में ही कर दी गई थी। लोग फैसले का इस उम्मीद से स्वागत कर रहे हैं कि इस कानून से कम उम्र की लड़कियों के साथ यौन संबंध बनाने से लेकर किशोर गर्भधारण और बाल
विवाह के मामलों को कम करने में मदद मिल सकती है।

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girls became pregnant after school closure: अदालत के फैसले के अनुसार, देश के न्याय मंत्री और संसद के पास ‘संविधान के प्रावधानों के अनुसार सभी बच्चों को यौन शोषण से बचाने वाला कानून बनाने’ के लिए 12 महीने का समय होगा।

इधर अधिकारियों और मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि COVID-19 के बाद से इस तरह के मामलों में तेजी आई है, इस दौरान स्कूल बंद थे और गरीबी बढ़ती गई जिस कारण लड़कियों के माता-पिता ने बेहद कम उम्र में उनकी शादियां कर दीं।

महिलाओं की वकील तेंदई बिटी ने अदालत के फैसले पर एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए कहा, ‘ये जरूरी है कि हम बच्चों, विशेषकर लड़कियों की रक्षा करें, अदालत का ये फैसला बच्चों के शोषण को पूरी तरह तो नहीं रोक पाएगा, लेकिन ये उसे कम जरूर करेगा।’

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‘मील का पत्थर साबित होगा फैसला’

जिम्बाब्वे में सेक्स के लिए सहमति की उम्र लंबे समय से विवादों में रही है, उम्र बढ़ाने का बचाव करने वालों का तर्क है कि सहमति के लिए 16 साल की उम्र बहुत कम है और इससे कम उम्र की लड़कियों का शोषण होता है।

न्याय मंत्री उम्र बढ़ाने के पक्ष में नहीं

हालांकि, जिम्बाब्वे के ही न्याय मंत्री जियांबी जियांबी सेक्स के लिए सहमति की उम्र बढ़ाने के पक्ष में नहीं रहे हैं, पिछले साल के अंत में उन्होंने संसद में कहा था कि आजकल के ज्यादातर बच्चे कम उम्र में ही परिवक्व हो जाते हैं और वो यौन रूप से भी जल्दी सक्रिय हो रहे हैं। उनका कहना था कि सहमति की उम्र को बढ़ाकर 18 करने का मतलब है कि अगर 18 साल से कम उम्र के लड़के-लड़का आपस में सेक्स करते हैं तो उन्हें अपराधी करार दिया जाएगा और उनके नाम एक गैर-जरूरी अपराध दर्ज हो जाएगा।

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जिम्बाब्वे में शादी की उम्र 18 साल

जिम्बाब्वे में बाल विवाह के मामलों को देखते हुए अदालत ने साल 2016 में ही शादी की उम्र को 16 साल से बढ़ाकर 18 साल कर दिया था। नए मामले में अदालत के सामने महिलाओं की वकील ने तर्क दिया कि शादी की उम्र को तो 16 से 18 कर दिया गया लेकिन सेक्स के लिए सहमति की उम्र को 16 ही रहने दिया गया जिसने कम उम्र की लड़कियों के साथ पुरुषों को दुर्व्यवहार की अनुमति दी, ये असंवैधानिक है।

अदालत में उन्होंने कहा, ‘पुरुषों की तो मौज है, अगर सेक्स के लिए कंसेंट की उम्र को नहीं बढ़ाया गया तो कई मामलों में पुरुष कह सकते हैं कि मैं तुम्हारे साथ सोया, मैं तुमसे शादी भी करना चाहता हूं लेकिन कानून कहता है कि मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता, हां, मैं तुम्हारे साथ सेक्स कर सकता हूं’


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com