Maulana Ali Mirza Controversy: पाकिस्तान में झेलम पुलिस ने देश के मशहूर धर्मगुरु और यूट्यूबर इंजीनियर मुहम्मद अली मिर्ज़ा को गिरफ्तार कर लिया है। मिर्जा को उनकी विवादित टिप्पणी के आरोप में मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (MPO) के तहत 30 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। कई बार उनकी बातों से विवाद भी भड़क उठता है, कई बार लोग उनकी खूब आलोचना भी करते हैं। मिर्ज़ा पर पहले कम से कम चार बार जानलेवा हमले भी हो चुके हैं।
Maulana Ali Mirza Controversy, दरअसल, अली मिर्जा ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया कि एक समुदाय पैगंबर मोहम्मद को एक विशेष नाम से पुकारता है। उसी को दोहराते हुए उन्होंने वह शब्द इस्तेमाल किया, जिससे मामला तूल पकड़ गया। उनकी इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और कई धार्मिक संगठनों ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
अली मिर्ज़ा को पाकिस्तान के MPO ऑर्डिनेंस, 1960 की धारा-3 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को “लोक सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों” या “कानून-व्यवस्था बनाए रखने” के लिए गिरफ्तार और नजरबंद किया जा सकता है।
इंजीनियर अली मिर्ज़ा पाकिस्तान के उन चुनिंदा धर्मगुरुओं में गिने जाते हैं, जिनके अनुयायी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह बड़ी संख्या में मौजूद हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में एक बार फिर से धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम कट्टरपंथ की बहस छिड़ गई है।
पाकिस्तान में कई लोग जहां अली मिर्जा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी कर रहे हैं। लाहौर के वकील सज्जल शाहेदी ने गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अली मिर्ज़ा की गिरफ्तारी सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं है, बल्कि स्वतंत्र आवाज़ों को दबाने की कोशिश है। वहीं तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) जैसे संगठन, जो हिंसा करते हैं और पुलिस पर हमला तक करते हैं, उन्हें छूट दी जाती है। यही दोहरा मापदंड पाकिस्तान को अव्यवस्था में धकेल रहा है।’
2020: जेलम पुलिस ने धार्मिक हस्तियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
2021: एक धार्मिक मदरसे में उन पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें बाल बाल बचे।
2021: उमय्यद खलीफा मुआविया प्रथम पर विवादित टिप्पणी को लेकर दारुल उलूम कराची के मौलाना तारिक मसूद से उनकी जमकर बहस हुई।
2023: अप्रैल में उन पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295C (ईशनिंदा) के तहत मामला दर्ज किया गया।
2023: नवंबर में उन्होंने बरेलवी आलिम मुफ्ती हनीफ कुरैशी से बहस करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद कुरैशी ने स्वयं को विजेता घोषित कर दिया।
2024: मुहर्रम के दौरान जेलम प्रशासन ने 17 मौलानाओं के भाषण पर बैन लगाया था, जिनमें अली मिर्ज़ा भी शामिल थे।
देवबंदी अली मिर्जा पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के मुस्लिमों में के बीच भी काफी चर्चित रहे हैं। यूट्यूब पर ही उनके करीब 31 लाख फॉलोअर्स हैं। झेलम शहर के मशीन मोहल्ला इलाके में रहने वाले मिर्जा अपने यूट्यूब चैनल पर धर्म और समाज से जुड़े कई मुद्दों पर बात करते रहे हैं।
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