प्रवासियों ने यूनान पर उन्हें वापस समुद्र में छोड़ने का आरोप लगाया

प्रवासियों ने यूनान पर उन्हें वापस समुद्र में छोड़ने का आरोप लगाया

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  • Publish Date - September 25, 2020 / 12:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

दिकिली (तुर्की), 25 सितंबर (एपी) यूरोप में बेहतर जीवन की आस में यूनान के लेस्बोस द्वीप पहुंचे अफगान प्रवासियों की उम्मीदें उस समय टूट गई जब यूनानी अधिकारियों ने उनको घेर कर दुर्व्यवहार किया और जीवनरक्षक नौका में बैठकार वापस समुद्र में उनके हाल पर छोड़ दिया।

इसके बाद तुर्की की सरकार ने तटरक्षकों को नौकाओं के साथ समुद्र में मौजूद प्रवासियों को बचाने के लिए भेजा और 12 सितंबर को दो नारंगी रंग की जीवनरक्षा नौका में सवार 18 बच्चों सहित 37 प्रवासियों को एजियन सागर से निकाला। इस दौरान एसोसिएटेट प्रेस के पत्रकारों को भी अभियान की रिपोर्टिंग करने के लिए ले जाया गया था।

दो अन्य मीडिया संगठन ने उसी हफ्ते इसी तरह सरकार द्वारा अयोजित बचाव कार्य को कवर किया।

तुर्की में ओमिद हुसैन नबीजादा ने बताया, ‘‘ उन्होंने हमारा फोन ले लिया और कहा कि बस सभी को शिविर लेकर जाएगी, लेकिन उन्होंने हमे नौका पर बैठा दिया। उन्होंने हमें बहुत गलत तरीके से इन नौकाओं में बैठाकर पानी में छोड़ दिया।’’

इस समय तुर्की में करीब 40 लाख शारणार्थी हैं। तुर्की का आरोप है कि यूनान बड़े पैमाने पर लोगों को बिना शरण देने की प्रक्रिया पूरा किए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर उनकी सीमा में धकेल रहा है।

तुर्की ने यूरोपीय संघ पर भी इस मामले की अनदेखी करने का आरोप लगाया जबकि उसके हिसाब से यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है।

तुर्की के तटरक्षकों ने बताया, ‘‘ अकेले इस महीने यूनान द्वारा तुर्की की जल सीमा में धकेले गए करीब 300 प्रवासियों को बचाया गया है।’’

इन विश्वसनीय खबरों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह लगातार पूरे प्रकरण की जांच की मांग कर रहे हैं।

यूरोपीय संघ के दक्षिण पूर्वी सीमा पर मौजूद और प्रवासियों के प्रवास का सामना कर रहे यूनान ने इन आरोपों का खंडन करते हुए तुर्की पर आरोप लगाया है कि वह प्रवासियों का सशस्त्रीकरण कर रहा है।

मार्च में तुर्की ने धमकी दी कि वह प्रवासियों को यूरोप भेजेगा क्योंकि यूरोपीय संघ से लगती उसकी सीमा खुली है। इससे प्रतीत होता है कि सरकार प्रायोजित हजारों प्रवासियों ने यूनान की सीमा की ओर रुख किया जिससे अराजकता और हिंसा की स्थिति पैदा हुई।

तुर्की की यूरोपीय संघ सदस्य बुलगारिया से लगती सीमा सीमा लगभग अप्रभावित है जबकि यूनान ने अपनी सीमा और विवादित शरण आवेदन महिनों से बंद रखी है।

यूनान के तटरक्षकों ने तुर्की के अपने समकक्षों पर आरोप लगाया है कि वे अपनी देखरेख में प्रवासियों को यूनान की सीमा भेजते हैं और अपने दावे के पक्ष में वीडियो भी उपलब्ध कराया।

एपी धीरज उमा

उमा