बैंकॉक, छह अगस्त (एपी) म्यांमा के सैन्य शासन ने सोमवार को स्वीकार किया कि उत्तर-पूर्व में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य मुख्यालय के कमांडरों के साथ उसका संपर्क टूट गया है, जिससे एक मिलिशिया समूह के इस दावे को बल मिला है कि उसने इस अड्डे पर कब्जा कर लिया है।
लाशियो शहर में सेना की उत्तर-पूर्वी कमान पर मिलिशिया समूह का कब्जा म्यांमा की सैन्य सरकार के लिए बड़ा झटका होगा। जातीय अल्पसंख्यक समूहों के शक्तिशाली मिलिशिया के गठबंधन द्वारा किया गया यह कब्जा गृह युद्ध में उसे बढ़त देता है।
‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज’ के सिंगापुर स्थित विश्लेषक मॉर्गन माइकल्स ने कहा, ‘‘उत्तर-पूर्वी कमान पर शासन का नियंत्रण छिन जाना संघर्ष में उसकी सबसे अपमानजनक हार है।’’
माइकल्स ने कहा, ‘‘लाशियो के बिना शासन के लिए अपनी अन्य चौकियों को बचाए रखना बेहद मुश्किल होगा।’’
सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने सोमवार रात को सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक वीडियो में सैन्य अड्डे का नियंत्रण छिनने का अस्पष्ट विवरण देते हुए कहा था कि उत्तरी शान राज्य में कुछ सुरक्षा बलों ने अपनी चौकियां छोड़ दीं, क्योंकि लोगों को सुरक्षित रखना उनकी प्राथमिकता थी।
उन्होंने 25 मिनट के अपने संबोधन में म्यांमा के अंदर और बाहर जातीय प्रतिरोधी ताकतों एवं ‘‘देशद्रोही कीड़ों’’ के खिलाफ साथ मिलकर काम करने और लोगों का मनोबल गिराने के लिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया।
ह्लाइंग ने आरोप लगाया कि विद्रोही समूहों के नेताओं के बीच सरदारवाद बढ़ रहा है और हत्याओं, नशीले पदार्थों की तस्करी एवं जुए के मामले बढ़ने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि सेना स्थिरता बहाल करने के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने को जरूरी कदम उठाना जारी रखेगी।
चीन की सीमा से लगभग 110 किलोमीटर (70 मील) दक्षिण में स्थित लाशियो जुलाई की शुरुआत से ही म्यांमा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सेना के निशाने पर रहा है।
म्यांमा स्थित चीनी दूतावास ने लाशियो और शान राज्य के अन्य हिस्सों में रहने वाले अपने नागरिकों से एहतियात बरतने, संघर्ष क्षेत्रों से दूर रहने या चीन लौटने का मंगलवार को आग्रह किया।
एपी सिम्मी पारुल
पारुल