भारतीय क्षेत्र को नए नक्शे में दिखाने का मामला, नेपाल ने वापस लिया प्रस्ताव

भारतीय क्षेत्र को नए नक्शे में दिखाने का मामला, नेपाल ने वापस लिया प्रस्ताव

भारतीय क्षेत्र को नए नक्शे में दिखाने का मामला, नेपाल ने वापस लिया प्रस्ताव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: May 27, 2020 11:14 am IST

काठमांडू। भारत और नेपाल के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में आई दरार के चलते अब नेपाल ने अपना वह प्रस्ताव वापस ले लिया है जिसमें कि भारत के कुछ हिस्से को हाल ही में प्रकाशित नए नक्शे में दिखाया गया था। नेपाल की तरफ से जारी नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था।

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लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर आज संसद की कार्यसूची से संविधान संशोधन की कार्यवाही को हटा दिया। इस मामले में नेपाल में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों दलों की सहमति मिली है। इसके पहले मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जहां सभी दलों ने हर मसले को भारत के साथ बातचीत के जरिए सुलझाने का सुझाव दिया था।

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इसके लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी, नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र दिखाए जाने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। भारत ने यह भी कहा कि नेपाल सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करे।

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दरअसल, नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। इसे 8 मई को भारत द्वारा उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन करने की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है, क्यों कि इस पर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com