Nobel Peace Prize 2025: शांतिदूत होने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप को नहीं मिला ‘शांति का नोबेल पुरस्कार’.. इस महिला राजनीतिज्ञ ने किया हासिल..

शांति का नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली मारिया कोरिना मचाडो वेनेज़ुएला की नागरिक हैं।

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  • Publish Date - October 10, 2025 / 03:00 PM IST,
    Updated On - October 10, 2025 / 03:04 PM IST

Nobel Peace Prize 2025 || Image- The Nobel Prize file

HIGHLIGHTS
  • ट्रंप को नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार
  • मारिया मचाडो बनीं शांति नोबेल विजेता
  • लोकतंत्र के संघर्ष को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

Nobel Peace Prize 2025: न्यूयॉर्क: दुनियाभर में अलग-अलग देशों के बीच फैली अशांति के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा करते थे कि उन्होंने सात से आठ युद्धों को रुकवाया है। इन दावों में इसी साल पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए भारत के ऑपरेशन सिंदूर में भी सीजफायर कराने का दावा शामिल था। इन सबको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति खुद को दुनिया के सामने शांतिदूत के तौर पर पेश कर रहे थे और खुद को शांति के नोबेल पुरस्कार का दावेदार साबित कर रहे थे। पाकिस्तान सरीखे पिछलग्गू देश भी ट्रंप की इस दावेदारी का समर्थन कर रहे थे। लेकिन इस मामले में उन्हें भारी निराशा हाथ लगी है। 2025 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार वेनेज़ुएला की महिला राजनीतिज्ञ और वहां लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली मारिया कोरिना मचाडो ने हासिल किया है।

कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो?

Nobel Peace Prize 2025: शांति का नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली मारिया कोरिना मचाडो वेनेज़ुएला की नागरिक हैं। नोबेल कमेटी ने कहा है कि, “वेनेज़ुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयासों और तानाशाही से लोकतंत्र में न्यायसंगत और शांतिपूर्ण संक्रमण के लिए उनके संघर्ष के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन्हें हासिल हुआ है।”

Q1: 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार किसे मिला है?

A1: वेनेज़ुएला की मारिया कोरिना मचाडो को लोकतंत्र के लिए संघर्ष हेतु सम्मानित किया गया।

Q2: डोनाल्ड ट्रंप को शांति पुरस्कार क्यों नहीं मिला?

A2: ट्रंप के दावों के बावजूद नोबेल कमेटी ने मारिया के लोकतांत्रिक प्रयासों को तरजीह दी।

Q3: मारिया कोरिना मचाडो कौन हैं?

A3: वेनेज़ुएला की राजनेता हैं, जो लोकतंत्र और शांतिपूर्ण बदलाव के लिए संघर्षरत हैं।