लंदन, 19 नवंबर (भाषा) ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 टीका 56-69 आयु समूह के लोगों तथा 70 साल से अधिक के बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार करने में कारगर है। इस टीके से संबंधित यह जानकारी बृहस्पतिवार को पत्रिका ‘लैंसेट’ में प्रकाशित हुई जिसका विकास भारतीय सीरम संस्थान के साथ मिलकर किया जा रहा है।
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अध्ययन में 560 स्वस्थ व्यस्कों को शामिल किया गया और पाया गया कि ‘सीएचएडीओएक्स 1 एनकोव-19’ नाम का यह टीका अधिक आयु समूह के लोगों के लिए काफी उत्साहजनक है। इसका मतलब है कि यह टीका अधिक आयु समूह के लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने उल्लेख किया कि यह निष्कर्ष उत्साहजनक है क्योंकि अधिक आयु समूह के लोगों को कोविड-19 संबंधी जोखिम अधिक होता है। इसलिए कोई ऐसा टीका होना चाहिए जो अधिक आयु समूह के लोगों के लिए कारगर हो।
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ऑक्सफोर्ड टीका समूह से जुड़े डॉक्टर महेशी रामासामी ने अधिक आयु समूह के लोगों में टीके के अच्छे परिणामों पर खुशी व्यक्त की। ब्रिटेन ऑक्सफोर्ड के इस टीके की 10 करोड़ खुराक का पहले ही ऑर्डर दे चुका है।
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अनुसंधानकर्ताओं की टीम यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या तीसरे चरण के व्यापक परीक्षण में यह टीका लोगों में कोविड-19 को विकसित होने से रोकता है। इस महत्वपूर्ण चरण के शुरुआती परिणाम अगले कुछ सप्ताह में आने की उम्मीद है। डॉक्टर रामासामी ने कहा, ‘‘हम यह देखकर प्रसन्न हैं कि हमारा टीका न सिर्फ अधिक आयु के वयस्कों के लिए अच्छी तरह कारगर है, बल्कि इसने युवा स्वयंसेवियों में भी समान रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की।’’
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टीके का विनिर्माण दवा कंपनी ‘एस्ट्राजेनेका’ द्वारा किया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड की टीका परीक्षण टीम के प्रमुख एंड्रू पोलार्ड ने कहा कि नवीनतम परिणाम ‘‘अत्यंत प्रसन्नता वाला है।’’ यह भी पाया गया कि इस चरण के परीक्षण में टीके का कोई अप्रत्याशित विपरीत परिणाम सामने नहीं आया।
टीके के दूसरे चरण के परीक्षण के बारे में बृहस्पतिवार को आई रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षण में शामिल 18-55, 56-79 आयु समूह तथा 70 साल से अधिक उम्र के स्वयंसेवियों में वायरस को खत्म करने वाली समान एंटीबॉडीज और टी कोशिकाएं दिखीं।
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