(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, आठ मई (भाषा) पाकिस्तान की फौज ने बिना किसी सबूत के एक सेवारत आईएसआई अधिकारी पर ‘बेहद गैर जिम्मेदाराना और बेबुनियाद ‘ लगाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की सोमवार को निंदा की।
इसी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री और शक्तिशाली सेना के बीच जबानी जंग फिर से शुरू हो गई है।
सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) के कड़े शब्दों वाले बयान में यह भी कहा गया है कि खान के ‘मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण आरोप बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और अस्वीकार्य हैं।’
बयान में कहा गया है कि पिछले एक साल से देखा जा रहा है कि सेना और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए निशाना बनाया जा रहा है और उनपर आक्षेप लगाए जा रहे हैं।
इससे पहले, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान की सेना और खुफिया एजेंसियों को ‘बदनाम करने और धमकाने’ के लिए निंदा की थी।
खान ने शनिवार को एक रैली में कहा था कि इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं।
खान ने आरोप लगाया है कि दो बार उनकी हत्या की कोशिश करने वाले आईएसआई अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या में शामिल थे।
सेना के आलोचक रहे अरशद शरीफ की पिछले साल अक्टूबर में केन्या में हत्या कर दी गई थी। वह सुरक्षा एजेंसियों से अपनी जान को खतरा होने का जिक्र करते हुए देश छोड़ कर भाग गए थे।
केन्या में पुलिस ने खोजी पत्रकार पर गोली चलाई थी, जिससे उनकी मौत हुई थी।
केन्या की पुलिस ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था कि गलत पहचान के चलते 49 वर्षीय व्यक्ति की गाड़ी पर गोली चलाई गई थी जिससे उनकी मौत हो गई।
खान (71) ने इससे पहले, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के साथ-साथ जनरल नसीर पर पिछले साल नवंबर में पंजाब प्रांत के वजीराबाद में उनकी (खान की) हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया था। इस हमले में उनके पैर में तीन गोलियां लगी थीं।
भाषा नोमान माधव
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