पाकिस्तान, भारत एलओसी पर संघर्ष विराम, सभी समझौते का कड़ाई से पालन करने पर सहमत

पाकिस्तान, भारत एलओसी पर संघर्ष विराम, सभी समझौते का कड़ाई से पालन करने पर सहमत

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  • Publish Date - February 25, 2021 / 10:08 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

( सज्जाद हुसैन )

इस्लामाबाद, 25 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान और भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम, सभी समझौते, सहमति का कड़ाई से पालन करने और मौजूदा व्यवस्था के जरिए किसी भी ‘‘अप्रत्याशित स्थिति का समाधान करने या गलतफहमी को दूर करने’’ पर राजी हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को एक बयान में इस बारे में बताया।

पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई अंतर-सेवा जन संपर्क (आईएसपीआर) द्वारा जारी बयान के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच स्थापित हॉटलाइन संपर्क व्यवस्था के जरिए चर्चा में दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी।

दोनों पक्षों ने वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया।

आईएसपीआर ने कहा कि दोनों पक्ष ने सौहार्दपूर्ण माहौल में नियंत्रण रेखा और अन्य क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा की।

बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्ष बुधवार मध्यरात्रि से सभी समझौते, सहमति और एलओसी तथा अन्य क्षेत्रों में संघर्षविराम का कड़ाई से पालन करने पर सहमत हुए।’’

दोनों पक्ष ने दोहराया कि ‘‘किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने या गलतफहमी दूर करने के लिए’’ हॉटलाइन संपर्क और ‘फ्लैग मीटिंग’ व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा।

‘डॉन’ अखबार ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के हवाले से कहा है, ‘‘1987 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच हॉटलाइन स्तर पर संपर्क हो रहा है। इस स्थापित तंत्र के जरिए दोनों देशों के डीजीएमओ संपर्क में रहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से एलओसी पर संघर्ष विराम समझौता के उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

बयान में कहा गया, ‘‘दोनों डीजीएमओ ने सहमति जतायी कि 2003 की मौजूदा सहमति का अक्षरश: पालन करना चाहिए।’’

दोनों अधिकारी इसे टिकाऊ बनाने पर राजी हुए और इस आधार पर कदम उठाने की मंशा जतायी।

अखबार के मुताबिक, हालिया कदम को परमाणु शक्ति से संपन्न दोनों देशों के बीच वर्षों से कायम तनाव घटाने के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हाल में भारत से वार्ता के जरिए सभी मुद्दे सुलझाने का प्रस्ताव दिया था।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप