Field Marshal Asif Munir: बेहद ताकतवर हुआ फील्ड मार्शल असीम मुनीर.. अब नहीं कर सकेगा कोई कानूनी मुकदमा, पाकिस्तान ने बदला संविधान

27th Constitutional Amendment in Pakistan: संवैधानिक संशोधन के मुताबिक, सरकार सशस्त्र बलों के व्यक्तियों को फील्ड मार्शल, एयफोर्स मार्शल और फ्लीट एडमिरल के पदों पर पदोन्नत कर सकेगी। फील्ड मार्शल का पद और विशेषाधिकार आजीवन होंगे, अर्थात फील्ड मार्शल आजीवन इस पद पर बने रहेंगे।

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  • Publish Date - November 12, 2025 / 10:35 PM IST,
    Updated On - November 12, 2025 / 10:54 PM IST

27th Constitutional Amendment in Pakistan || Image- Indian Express file

HIGHLIGHTS
  • 27वां संविधान संशोधन पारित
  • रक्षा बलों का नया प्रमुख पद
  • संवैधानिक न्यायालय की स्थापना

27th Constitutional Amendment in Pakistan: इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ ने रक्षा बलों के प्रमुख का नया पद सृजित करने और एक संवैधानिक न्यायालय की स्थापना के लिए विवादास्पद 27वें संविधान संशोधन को बुधवार को हंगामे के बीच दो तिहाई बहुमत से मंजूरी दे दी। यह विधेयक मंगलवार को कानून मंत्री आजम नजीर तरार द्वारा ‘नेशनल असेंबली’ में पेश किया गया था। यह पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन ‘सीनेट’ द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद पेश किया गया। ‘नेशनल असेंबली’ ने बुधवार को विपक्ष के बहिष्कार के बीच 27वें संविधान संशोधन विधेयक के सभी 59 उपबंधों को मंजूरी दे दी। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सदस्यों ने विधेयक की प्रतियां फाड़कर प्रधानमंत्री की कुर्सी की ओर फेंक दीं। ‘नेशनल असेंबली’ के अध्यक्ष अयाज सादिक ने कहा कि विधेयक के पक्ष में 234 और विपक्ष में चार वोट पड़े। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी निचले सदन के सत्र में शामिल हुए।

Field Marshal Asif Munir Latest News: रक्षा बलों के प्रमुख और संवैधानिक न्यायालय का गठन

दो दिन तक चली बहस के बाद संशोधन पारित कर दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। कानून मंत्री तरार ने संवैधानिक सुधार को एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया बताया, जिसे काफी विचार-विमर्श के बाद अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि मसौदे की गहन समीक्षा की गई है और देशभर की बार काउंसिल और बार एसोसिएशन के साथ इस पर चर्चा की गई है। अब इस विधेयक को प्रभावी होने के लिए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की स्वीकृति की आवश्यकता है, जो आज रात बाद में मिल जाने की उम्मीद है। विधेयक के मुताबिक, थल सेनाध्यक्ष ही रक्षा बलों के प्रमुख भी होंगे और प्रधानमंत्री के परामर्श से राष्ट्रीय सामरिक कमान के प्रमुख की नियुक्ति करेंगे। इसके अनुसार राष्ट्रीय सामरिक कमान का प्रमुख पाकिस्तानी सेना से होगा।

Field Marshal Asif Munir Images and Videos: संवैधानिक संशोधन के प्रमुख प्रावधान और विपक्ष की प्रतिक्रिया

27th Constitutional Amendment in Pakistan: संवैधानिक संशोधन के मुताबिक, सरकार सशस्त्र बलों के व्यक्तियों को फील्ड मार्शल, एयफोर्स मार्शल और फ्लीट एडमिरल के पदों पर पदोन्नत कर सकेगी। फील्ड मार्शल का पद और विशेषाधिकार आजीवन होंगे, अर्थात फील्ड मार्शल आजीवन इस पद पर बने रहेंगे। मौजूदा समय में पाकिस्तानी सेना में आसिम मुनीर फील्ड मार्शल के पद पर आसीन है। विधेयक में संविधान से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए एक संघीय संवैधानिक न्यायालय की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जबकि मौजूदा उच्चतम न्यायालय केवल पारंपरिक दीवानी और फौजदारी मामलों से ही निपटेगा। विपक्षी गठबंधन तहरीक तहफ्फुज आईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) ने प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ देशव्यापी विरोध आंदोलन की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ है। विपक्षी नेताओं ने खुद को संसद में विरोध जताने और बयान जारी करने तक ही सीमित रखा है।

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प्रश्न 1: 27वां संविधान संशोधन क्या है?

उत्तर: यह संशोधन पाकिस्तान में रक्षा बलों के प्रमुख और संवैधानिक न्यायालय की स्थापना से जुड़ा है।

प्रश्न 2: इस विधेयक को किसने पेश किया?

उत्तर: यह विधेयक पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार द्वारा नेशनल असेंबली में पेश किया गया।

प्रश्न 3: इस संशोधन का विरोध किसने किया?

उत्तर: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस विधेयक का विरोध किया और कार्यवाही का बहिष्कार किया।