People vandalized temple, ruined the idol enshrined from colonial period

अज्ञात लोगों ने मंदिर में की तोड़फोड़, औपनिवेशिक काल से विराजित मूर्ति को किया खंडित

People ruined the idol from colonial period : आज कल मंदिर में विराजित मूर्तियों को खंडित करने के कई मामले सामने आ रहे है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : October 8, 2022/2:04 pm IST

नई दिल्ली : People ruined the idol from colonial period : आज कल मंदिर में विराजित मूर्तियों को खंडित करने के कई मामले सामने आ रहे है। कुछ दिनों के अंतराल में मंदिरों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता है। ऐसा ही एक मामला बांग्लादेश से सामने आया है। यहां औपनिवेशिक काल के हिंदू मंदिर में स्थापित एक देवी की मूर्ति को कुछ अज्ञात लोगों ने खंडित कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा ने बताया कि बांग्लादेश के झेनाइदाह जिले के दौतिया गांव में काली मंदिर में अधिकारियों को खंडित मूर्ति के टुकड़े मिले। मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर सड़क पर पड़ा हुआ था।

यह भी पढ़े : एक गलती ने बर्बाद कर दिया इस अभिनेता का करियर, अब ढोंगी बाबा बनकर छोटी उम्र की लड़कियों से कर रहे रोमांस 

वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव के समाप्त होने के बाद हुई घटना

People ruined the idol from colonial period : कुंडा ने कहा कि काली मंदिर औपनिवेशिक काल से ही हिंदुओं का पूजा स्थल रहा है। यह घटना बांग्लादेश में 10 दिवसीय वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव के समाप्त होने के 24 घंटे से कुछ अधिक समय बाद हुई। बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के महासचिव चंदनाथ पोद्दार ने बताया, ‘घटना रात में झेनाइदाह के मंदिर में हुई।’ प्रख्यात ढाका विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर पोद्दार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहा क्योंकि पूरे देश में दस दिवसीय उत्सव में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ।

यह भी पढ़े : ‘किसी भी महिला को बच्चे पैदा करने के लिए नहीं किया जा सकता मजबूर’ हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी

इस साल शांतिपूर्ण रहा दुर्गा पूजा उत्सव

People ruined the idol from colonial period : झेनाइदाह पुलिस के सहायक अधीक्षक अमित कुमार बर्मन ने कहा, ‘मामला दर्ज कर लिया गया है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है।’ इस घटना को छोड़कर इस साल पूरे बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव शांतिपूर्वक मनाया गया। पिछले साल की तुलना में इस साल उत्सव काफी शांतिपूर्ण रहा। पिछले साल देश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा और झड़पों में कम से कम 6 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। बांग्लादेश की करीब 16 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं।

यह भी पढ़े : Teacher recruitment: सीएम राइज स्कूल के टीचर्स को झटका, शिक्षा विभाग ने टाली नई पोस्टिंग, आदेश जारी 

पहले भी कई मंदिरों में हो चुकी है तोड़फोड़

People ruined the idol from colonial period : बांग्लादेश में इससे पहले, इसी साल 17 मार्च को ढाका के इस्कॉन राधाकांत मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी और मूर्तियों को चुरा लिया गया था। इस घटना को होली के अवसर पर अंजाम दिया गया था। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की एक प्रेस रिलीज में बताया गया था कि 150 चरमपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया और पैसा तथा दूसरा कीमती सामान चुराकर अपने साथ ले गए। इन चरमपंथियों ने कई श्रद्धालुओं को कथित तौर पर पीटा भी था। वहीं, 16 अक्टूबर 2021 को बांग्लादेश के नोआखली शहर में एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान कई भक्तों की भीड़ ने हत्या कर दी थी।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें