Periyar Portrait Oxford University: लंदन में तमिलनाडु के CM एमके स्टॉलिन.. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पेरियार के चित्र का किया अनावरण, खुद को बताया उत्तराधिकारी

ई.वी. रामासामी (पेरियार) दक्षिण भारत के सबसे बड़े समाज सुधारक माने जाते है। 1925 में तमिलनाडु में ब्राह्मणवाद को चुनौती देने और गैर-ब्राह्मण समुदायों के उत्थान के लिए आत्म-सम्मान आंदोलन शुरू किया था।

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  • Publish Date - September 5, 2025 / 08:46 AM IST,
    Updated On - September 5, 2025 / 08:47 AM IST

Periyar Portrait Unveilling Oxford University | Image- MK Stalin X

HIGHLIGHTS
  • पेरियार का चित्र ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ अनावरण
  • सीएम स्टालिन बोले, पेरियार का नारा अब ऑक्सफोर्ड में गूंजता है
  • समानता और तर्कवाद की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी

Periyar Portrait Unveilling Oxford University: लंदन: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ईवी रामासामी (पेरियार) के चित्र का अनावरण किया।

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‘पेरियार का नारा अब ऑक्सफोर्ड में गूंज रहा’ : स्टालिन

एक्स पर किये गये पोस्ट में सीएम सीएम स्टालिन ने लिखा, “एक क्रांति जिसने स्वतंत्रता को नए सिरे से परिभाषित किया! जंजीरें गिर गईं, सम्मान बढ़ गया! थानथाई पेरियार के आत्म-सम्मान आंदोलन ने कट्टरपंथियों को चकनाचूर कर दिया, सम्मान को जगाया, वैज्ञानिक सोच को पोषित किया और हमें सामाजिक परिवर्तन का मार्गदर्शक बनाया। ऑक्सफोर्ड में, मैंने पेरियार की विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में गर्व के साथ बात की, उस क्रांति का सम्मान किया जिसने सदियों की अधीनता को आत्मसम्मान के शाश्वत गान में बदल दिया।” मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘उत्पीड़न मेरा दुश्मन है’, पेरियार का नारा अब ऑक्सफोर्ड में गूंज रहा है।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि पेरियार के समानता के आदर्श सीमाओं से नहीं बंधे हैं; वे समग्र मानवता के हैं। उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों की एक सभा के समक्ष, तमिलनाडु में जातिगत अत्याचार को जड़ से उखाड़ फेंकने और लैंगिक भेदभाव की बाधाओं को तोड़ने वाले आंदोलन को दुनिया भर में सम्मान, समानता और स्वतंत्रता के लिए चल रहे संघर्षों के साथ संवाद में रखा जाएगा। पेरियार के समानता के आदर्श सीमाओं से बंधे नहीं हैं; वे समग्र मानवता के हैं।”

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कौन थे ईवी रामस्वामी उर्फ़ पेरियार?

Periyar Portrait Unveilling Oxford University: ई.वी. रामासामी (पेरियार) दक्षिण भारत के सबसे बड़े समाज सुधारक माने जाते है। 1925 में तमिलनाडु में ब्राह्मणवाद को चुनौती देने और गैर-ब्राह्मण समुदायों के उत्थान के लिए आत्म-सम्मान आंदोलन शुरू किया था। अपनी पत्रिका “कुडी अरासु” के माध्यम से तर्कवाद, लैंगिक समानता और जाति-विरोधी सुधारों की वकालत करके, इस आंदोलन ने द्रविड़ पहचान की एक नई भावना को बढ़ावा दिया और द्रविड़ आंदोलन के उदय का मार्ग प्रशस्त किया।

Q1. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पेरियार का चित्र किसने अनावरण किया?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पेरियार के चित्र का अनावरण किया।

Q2. पेरियार का आत्म-सम्मान आंदोलन किसके खिलाफ था?

यह आंदोलन ब्राह्मणवाद, जातिवाद और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ था।

Q3. पेरियार के विचारों की वैश्विक स्तर पर क्या पहचान बनी?

उनके समानता और तर्कवाद के सिद्धांत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहे जा रहे हैं।