R Sampanthan Passes Away: अस्पताल में इलाज के दौरान दिग्गज नेता का निधन, पीएम मोदी और विदेश मंत्री ने जताया शोक
R Sampanthan Passes Away: अस्पताल में इलाज के दौरान दिग्गज नेता का निधन, पीएम मोदी और विदेश मंत्री ने जताया शोक
R Sampanthan Passes Away
R Sampanthan Passes Away: कोलंबो। श्रीलंका में तमिल नागरिकों के लिए शांति, न्याय और सम्मान का जीवन सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करने वाले उदारवादी तमिल नेता आर संपन्थन का रविवार रात निधन हो गया। तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने घोषणा की कि 91 वर्षीय संपन्थन का अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। संपन्थन (91) ने 2004 से तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) का नेतृत्व किया और सिंहली बहुल देश में मुख्य विपक्षी नेता बनने वाले दूसरे तमिल बने। वह लंबे समय से बीमार होने के कारण संसद के मौजूदा सत्र में शामिल नहीं हो रहे थे।
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पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंकाई तमिल नेता के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर साझा करते हुए सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘टीएनए के अनुभवी नेता आर संपन्थन के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।’ मोदी ने लिखा, ‘उनके साथ हुई मुलाकातों की यादें हमेशा संजोकर रखूंगा। उन्होंने श्रीलंका के तमिल नागरिकों के लिए शांति, सुरक्षा, समानता, न्याय और सम्मान का जीवन सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किए। श्रीलंका और भारत में उनके दोस्त और समर्थक उन्हें बहुत याद करेंगे।’
My deepest condolences to the family and friends of veteran TNA leader R. Sampanthan. Will always cherish fond memories of meetings with him. He relentlessly pursued a life of peace, security, equality, justice and dignity for the Tamil nationals of Sri Lanka. He will be deeply… pic.twitter.com/vMLPFaofyK
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2024
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विदेश मंत्री ने किया शोक व्यक्त
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संपन्थन की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा कि उन्होंने (संपन्थन) अपना पूरा जीवन श्रीलंका में तमिलों के लिए समानता, सम्मान और न्याय की लड़ाई के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, ‘श्रीलंकाई तमिल नेता आर संपन्थन के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ।’ संपन्थन 2015 में विपक्ष के नेता बने और 2019 तक एक नए संविधान का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल रहे। वह एक प्रतिभाशाली वकील थे। संपन्थन पहली बार 1977 में पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली से निर्वाचित होकर संसद पहुंचे थे।

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