तुर्किये की यात्रा पर पहुंचे पोप लियो का कैथोलिक समुदाय ने किया गर्मजोशी से स्वागत

तुर्किये की यात्रा पर पहुंचे पोप लियो का कैथोलिक समुदाय ने किया गर्मजोशी से स्वागत

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  • Publish Date - November 28, 2025 / 04:35 PM IST,
    Updated On - November 28, 2025 / 04:35 PM IST

इस्तांबुल, 28 नवंबर (एपी) पोप लियो 14वें ने तुर्किये की अपनी पहली विदेश यात्रा में कैथोलिक समुदाय को देश में अपनी छोटी आबादी को मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस यात्रा का उद्देश्य ईसाइयों को प्रोत्साहित करना और एकता कायम करने के सदियों पुराने प्रयासों को आगे बढ़ाना है।

तुर्किये की अपनी यात्रा के पहले दिन इस्तांबुल में स्थित ‘कैथेड्रल ऑफ द होली स्पिरिट’ के अंदर और बाहर पोप के समर्थन में नारे लगाए गए।

लियो ने तुर्किये के कैथोलिक पादरी और ननों के साथ प्रार्थना सभा की अगुवाई की।

वह ईसाई धर्म के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक की 1,700वीं वर्षगांठ मनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि 1700 साल पहले, 325 ईसवी में नाइसिया शहर में बिशपों की परिषद में ‘नाइसिया क्रीड’ नामक दस्तावेज पेश किया गया था। आस्था पर आधारित इस दस्तावेज का आज भी लाखों ईसाई पाठ करते हैं।

उस समय नाइसिया नामक शहर में पहली काउंसिल बैठक हुई थी। तब पूर्वी और पश्चिमी चर्च एकजुट थे। बाद में वे विभाजित हो गए। यह विभाजन मुख्यतः पोप की प्रधानता को लेकर मतभेदों के कारण हुआ था। लेकिन आज भी, कैथोलिक, ऑर्थोडॉक्स और अधिकांश प्रोटेस्टेंट समूह ‘नाइसिया क्रीड’ को स्वीकार करते हैं और इसे लेकर आम सहमति है।

कैथेड्रल में सभा को संबोधित करते हुए लियो ने कहा कि ‘नाइसिया क्रीड’ केवल एक सैद्धांतिक सूत्र नहीं है, बल्कि ‘ईसाई धर्म का अनिवार्य सार’ है।

उन्होंने कैथोलिक समुदाय को तुर्किये में अपनी छोटी आबादी को मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

एपी

जोहेब वैभव

वैभव