Constable Recruitment Scam: आरक्षक भर्ती घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला, सॉल्वर और मुन्नाभाई को 7-7 साल की सजा, ऐसे दिया था फर्जीवाड़े को अंजाम

Constable Recruitment Scam: आरक्षक भर्ती घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला, सॉल्वर और मुन्नाभाई को 7-7 साल की सजा, ऐसे दिया था फर्जीवाड़े को अंजाम

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - December 6, 2025 / 12:16 PM IST,
    Updated On - December 6, 2025 / 12:16 PM IST

Constable Recruitment Scam/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला,
  • सॉल्वर और मुन्नाभाई को 7-7 साल की सजा,
  • सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा,

ग्वालियर: Constable Recruitment Scam: मध्यप्रदेश के ग्वालियर की सीबीआई कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले दो आरोपियों को दोषी मानते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर विभिन्न धाराओं में 12-12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

आरक्षक भर्ती घोटाला (Gwalior constable exam scam)

Constable Recruitment Scam: मुरैना के शासकीय कन्या महाविद्यालय में 30 सितंबर 2012 को आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा केंद्र में एक अभ्यर्थी की फोटो और हस्ताक्षर असली उम्मीदवार से मेल न खाने पर संदेह हुआ। जांच में पता चला कि परीक्षा में बैठा अभ्यर्थी वास्तविक उम्मीदवार नहीं बल्कि फर्जी परीक्षार्थी था। पुलिस पूछताछ में उसने खुद को परवेंद्र सिंह बताया लेकिन बाद में स्वीकार किया कि उसका असली नाम हरवेंद्र सिंह चौहान है। वह असली अभ्यर्थी रणवीर सिंह यादव के स्थान पर परीक्षा दे रहा था।

सॉल्वर और मुन्नाभाई को 7-7 साल की सजा (Madhya Pradesh recruitment fraud)

Constable Recruitment Scam: पुलिस ने उसी दिन एफआईआर दर्ज की, लेकिन केस का अभियोग पत्र 1 अगस्त 2015 को कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सका। आरोपी हरवेंद्र जमानत के बाद लंबे समय तक फरार रहा। इस पर पुलिस ने उसके जमानतदार जालम सिंह को पकड़ा। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि सॉल्वर का नाम परवेंद्र नहीं, बल्कि हरवेंद्र सिंह चौहान है। इसके बाद सीबीआई ने 6 दिसंबर 2017 को उसे गिरफ्तार किया।

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ग्वालियर में 2012 आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला क्या था?

ग्वालियर में 2012 में आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी हुई थी, जिसमें सॉल्वर के रूप में दो आरोपी शामिल थे। इन दोनों ने अन्य अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी।

सीबीआई ने इस घोटाले में क्या कार्रवाई की?

सीबीआई की विशेष अदालत ने दो आरोपियों, रणवीर सिंह यादव और हरवेंद्र सिंह चौहान को 7-7 साल की कठोर सजा सुनाई है।

यह मामला कब सामने आया और अदालत ने क्या फैसला सुनाया?

यह मामला 30 सितंबर 2012 की परीक्षा से जुड़ा है। मामले की जांच के बाद अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।