हिंसाग्रस्त नेपाल में निषेधाज्ञा बढ़ायी गयी, कुछ समय के लिए आवाजाही की अनुमति

हिंसाग्रस्त नेपाल में निषेधाज्ञा बढ़ायी गयी, कुछ समय के लिए आवाजाही की अनुमति

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  • Publish Date - September 11, 2025 / 11:59 AM IST,
    Updated On - September 11, 2025 / 11:59 AM IST

(तस्वीरों के साथ)

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 11 सितंबर (भाषा) नेपाल सेना ने बृहस्पतिवार को काठमांडू घाटी के तीन जिलों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी है तथा कुछ निश्चित समयावधि के लिए लोगों की आवाजाही की अनुमति दे दी है।

इससे हिंसक प्रदर्शनों के बाद इस हिमालयी राष्ट्र में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। इन हिंसक प्रदर्शनों के कारण के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

सेना सड़कों पर पहरा दे रही है, लेकिन देश के बाकी हिस्सों में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। केवल काठमांडू के दक्षिण-पूर्व में एक जेल से भागने के दौरान नेपाली सेना की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।

नेपाल सेना की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि काठमांडू घाटी के तीन जिलों काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर में सुबह छह बजे से कर्फ्यू हटा लिया गया है।

सेना द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि आम जनता को आवश्यक कार्यों के लिए कुछ घंटों की आवाजाही की अनुमति देने के बाद प्रतिबंधात्मक आदेश सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक लागू रहेंगे।

इसमें कहा गया है कि शाम पांच बजे से सात बजे तक ढील के बाद शुक्रवार शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा।

कर्फ्यू हटते ही लोग ज़रूरी सामान खरीदने के लिए बाज़ारों, दुकानों और किराने की दुकानों की ओर दौड़ पड़े। सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहन ही दिखे।

कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना ने बुधवार शाम पांच बजे से कर्फ्यू लगा दिया था और नेपाली सैनिकों ने बुधवार को शांति बहाल करने और ‘‘विरोध-प्रदर्शन की आड़ में’’ संभावित हिंसा को रोकने के लिए सड़कों पर गश्त की।

देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों एवं संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उससे उचित तरीके से निपटा जाएगा।

काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण परिचालन बंद होने के 24 घंटे बाद बुधवार शाम से सेवाएं फिर से शुरू हो गईं।

इस बीच, स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह रामेछाप जिला जेल से बड़े पैमाने पर कैदियों को भागने से रोकने के लिए सेना द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक कैदी घायल हो गए।

बुधवार को पश्चिमी नेपाल की एक जेल में सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान कम से कम पांच किशोर कैदियों की मौत हो गई थी, जबकि सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान देशभर की विभिन्न जेलों से 7,000 से अधिक कैदी भाग गए।

स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के अनुसार, रविवार शाम से ‘जेन जी’ समूह के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।

बुधवार शाम जारी एक बयान में मंत्रालय ने बताया कि 1,061 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से 719 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 274 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सूत्रों ने बताया कि अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह और बिजली बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कुलमन घीसिंग में से किसे अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रदर्शनकारी ‘जेन जी’ समूह द्वारा अंतिम रूप से चुना जाएगा।

हालांकि, बृहस्पतिवार सुबह सूत्रों ने बताया कि घीसिंग के बजाय, कार्की और शाह के साथ धरान नगर पालिका के मेयर हरका संपांग के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा