द. कोरिया ने उ. कोरिया को जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित नहीं करने के लिए चेताया

द. कोरिया ने उ. कोरिया को जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित नहीं करने के लिए चेताया

द. कोरिया ने उ. कोरिया को जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित नहीं करने के लिए चेताया
Modified Date: November 20, 2023 / 11:13 am IST
Published Date: November 20, 2023 11:13 am IST

सियोल, 20 नवंबर (एपी) दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया को उसकी जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण योजना पर आगे न बढ़ने की चेतावनी दी और सोमवार को कहा कि सियोल एक अंतर-कोरियाई शांति समझौते को निलंबित कर सकता है तथा प्रक्षेपण के जबाव में फिर से अग्रिम क्षेत्रों में हवाई निगरानी शुरू कर सकता है।

उत्तर कोरिया इस साल की शुरुआत में एक सैन्य जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के अपने पहले दो प्रयासों में विफल हो गया और अक्टूबर में उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का तीसरा प्रयास नहीं किया।

दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर कोरिया उपग्रह प्रक्षेपित करने में संभवत: इसलिए देर कर रहा है क्योंकि उसे रूसी तकनीकी सहायता मिल रही है और वह आने वाले कुछ दिनों में प्रक्षेपण कर सकता है।

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दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी कांग होपिल ने उत्तर कोरिया से उसके तीसरे प्रक्षेपण प्रयास को तुरंत रद्द करने की अपील की।

कांग ने एक बयान में कहा, ‘‘यदि उत्तर कोरिया हमारी चेतावनी के बावजूद सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण प्रक्षेपित करता है, तो हमारी सेना लोगों के जीवन और उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।’’

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री शिन वॉनसिक ने रविवार को सार्वजनिक प्रसारक ‘केबीएस’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि प्रक्षेपण इस महीने के अंत में होने की उम्मीद है और दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी अधिकारी उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी उपग्रह प्रक्षेपण पर प्रतिबंध लगाती है क्योंकि वह इसे उसकी मिसाइल प्रौद्योगिकी का परीक्षण मानती है।

कांग ने कहा कि उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया की निगरानी में सुधार के लिए एक जासूसी उपग्रह की जरूरत है, लेकिन इसके प्रक्षेपण का उद्देश्य उसके लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम को बढ़ावा देना भी है।

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर आरोप लगाया है कि वह रूस के युद्ध में समर्थन के लिए पारंपरिक हथियारों की आपूर्ति के बदले में अपनी परमाणु और अन्य सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रूसी तकनीक प्राप्त कर रहा है।

एपी साजन मनीषा

मनीषा


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