लार के नमूनों की जांच से कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान में आ सकती है तेजी

लार के नमूनों की जांच से कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान में आ सकती है तेजी

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  • Publish Date - September 29, 2020 / 11:04 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

तोक्यो, 29 सितम्बर (भाषा) लार के नमूनों की जांच से कोरोना वायरस से संक्रमित उन लोगों का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिनमें इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं है।

‘क्लीनिकल इन्फेक्शस डिजीजेज’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

अध्ययन में जापान के लगभग 2,000 ऐसे लोगों के ‘नेजोफैरिन्जियल स्वैब’ (गले के ऊपरी हिस्से के नमूने) और लार के नमूनों की जांच की गई और उनकी तुलना की गई, जिनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं थे।

जापान के होकाइदो विश्वविद्यालय के टेकानोरी तेशिमा ने कहा , ‘‘बिना लक्षण वाले मरीजों की त्वरित पहचान समुदायों और अस्पतालों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।’’

अधिकांश नमूनों पर दो अलग-अलग वायरस परीक्षण किए गए, पहला ‘पीसीआर’ और दूसरा ‘आरटी-एलएएमपी’ जांच।

उन्होंने बताया कि दोनों में सकारात्मक और नकारात्मक नतीजे एक से थे, ‘नेजोफैरिन्जियल स्वैब’ के नमूने 77-93 प्रतिशत मामलों में और लार के नमूने 83-97 प्रतिशत मामलों में संक्रमण वाले लोगों की पहचान करने में सक्षम थे।

शोधकर्ताओं ने कहा कि दोनों परीक्षण 99.9 प्रतिशत मामलों में बिना संक्रमण वाले लोगों की पहचान करने में सक्षम थे।

तेशिमा ने कहा कि आमतौर पर ‘नेजोफैरिन्जियल स्वैब’ परीक्षण की तुलना में लार परीक्षण की व्यवस्था आसान है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन की सीमा की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने इसमें क्लीनिकल परिणामों का पालन नहीं किया है।

भाषा निहारिका दिलीप

दिलीप