वैश्विक समाचार एजेंसियों के आमंत्रित कार्यपालक अधिकारियों को पोप लियो के संबोधन का मूल पाठ

वैश्विक समाचार एजेंसियों के आमंत्रित कार्यपालक अधिकारियों को पोप लियो के संबोधन का मूल पाठ

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  • Publish Date - October 9, 2025 / 10:49 PM IST,
    Updated On - October 9, 2025 / 10:49 PM IST

वेटिकन सिटी, नौ अक्टूबर (भाषा) वेटिकन में वैश्विक समाचार एजेंसियों के आमंत्रित कार्यपालक अधिकारियों को पोप लियो के संबोधन का मूल पाठ निम्नलिखित है। उपस्थित लोगों में ‘पीटीआई’ (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया) के कार्यपालक अधिकारी भी शामिल थे।

प्रिय भाइयो और बहनो, आपका स्वागत है!

मुझे इस समय आपको संबोधित करते हुए खुशी हो रही है, क्योंकि वर्तमान समय में विशेष विवेकपूर्ण और जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका की जरूरत है, और यह स्पष्ट है कि चेतना के निर्माण और विवेकपूर्ण चिंतन को बढ़ावा देने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

यह एक विरोधाभास है कि संचार के इस युग में, समाचार और मीडिया एजेंसियां ​​संकट के दौर से गुजर रही हैं। इसी तरह, सूचना का उपभोग करने वाले भी संकट की स्थिति में हैं तथा वे अक्सर झूठ को सच और कृत्रिम को प्रमाणिक समझ लेते हैं। इसके बावजूद कोई आज यह नहीं कह सकता कि ‘मुझे जानकारी नहीं थी’।’’ इसीलिए मैं आपको आपके महत्वपूर्ण कार्य के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं और सहयोग के ऐसे अवसरों की अनुशंसा करता हूं, जो आपको मिलकर चिंतन करने का अवसर प्रदान करें।

सूचना एक सार्वजनिक संपदा है जिसका हम सभी को संरक्षण करना चाहिए। इसलिए, सच में फलदायक वह साझेदारी है जो नागरिकों और पत्रकारों के बीच नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी के तहत हो। सक्रिय नागरिकता का एक रूप यह है कि हम उन पेशेवरों और एजेंसियों को महत्व दें और समर्थन करें जो अपने कार्य में गंभीरता और सच्ची स्वतंत्रता प्रदर्शित करते हैं। इससे एक सकारात्मक चक्र उत्पन्न होता है जो पूरे समाज के हित में होता है।

हर दिन, ऐसे पत्रकार होते हैं जो अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को वास्तव में क्या घट रहा है उसके बारे में बताते हैं। व्यापक और हिंसक संघर्षों वाले हमारे दौर में कई पत्रकार अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मारे गए हैं। वे युद्ध और उस युद्ध आधारित विचारधारा के पीड़ित हैं, जिनका उद्देश्य पत्रकारों को वहां मौजूद नहीं होने देना है। हमें उन्हें नहीं भूलना चाहिए! अगर आज हम जानते हैं कि गाजा और यूक्रेन तथा बमों के कारण लहूलुहान हर अन्य देश में क्या हो रहा है तो इसका बहुत हद तक श्रेय उन्हीं को जाता है। ये असाधारण आंखों देखे विवरण उन अनगिनत लोगों के दैनिक प्रयासों का परिणाम हैं जो यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं कि सूचना का उपयोग ऐसे उद्देश्यों के लिए न किया जाए जो सत्य और मानवीय गरिमा के विरुद्ध हों।

जैसा कि आप जानते हैं, सम्मेलन के तुरंत बाद, दुनियाभर के पत्रकारों के साथ मेरी पहली बैठक में, मैं आपके उन सहयोगियों की रिहाई के लिए अपील करना चाहता था, जिन्हें अपना काम करने के लिए अन्यायपूर्ण तरीके से सताया गया और जेल में डाल दिया गया। मैं आज यह अनुरोध दोहराता हूं। पत्रकार का काम करना कभी भी अपराध नहीं माना जा सकता, बल्कि यह एक अधिकार है जिसकी रक्षा होनी चाहिए।

सूचना तक मुक्त पहुंच एक ऐसा स्तंभ है जिस पर हमारे समाज की इमारत टिकी है। इसी कारण से इसकी (प्रेस की स्वतंत्रता की) रक्षा करना और इसकी गारंटी देना हमारा कर्तव्य है।

जैसा कि पोप फ्रांसिस ने जोर देकर कहा था, ‘‘हमें साहसी उद्यमियों, साहसी सूचना इंजीनियरों की आवश्यकता है, ताकि संचार की सुंदरता नष्ट न हो’।

पत्रकारिता को ‘‘अनुचित प्रतिस्पर्धा और तथाकथित ‘क्लिकबेट’ (वेबसाइट पर उपयोगकर्ता को आकर्षित करने के लिए प्रयुक्त सामग्री) के तुच्छ चलन से मुक्त होना चाहिए। समाचार एजेंसियां ​​‘‘सटीक और संतुलित सूचना के अधिकार’’ की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभाती हैं।

समाचार एजेंसियों के लिए काम करने वाले पत्रकारों को घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने और ‘ब्रेकिंग न्यूज’ की रिपोर्ट करने के लिए कहा जाता है। जनसंचार माध्यमों के ‘‘तेजी से व्यापक हो रहे’’ डिजिटलीकरण के युग में समाचार एजेंसियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण है। जैसा कि आप अच्छी तरह जानते हैं, एक समाचार एजेंसी के लिए काम करने वालों से अपेक्षा की जाती है कि वे दबाव में, यहां तक कि बहुत जटिल और नाटकीय परिस्थितियों में भी, तेजी से लिखें। इन कारणों से आपकी सेवा के लिए योग्यता, साहस और नैतिकता की भावना आवश्यक है। यह सेवा अमूल्य है और इसे ‘‘जंक’’(अवांछित) सूचनाओं के प्रसार का प्रतिकारक होना चाहिए।

‘एल्गोरिदम’ ऐसे अभूतपूर्व पैमाने और गति से सामग्री एवं डेटा उत्पन्न करते हैं जो पहले कभी नहीं देखा गया लेकिन उन्हें नियंत्रित कौन करता है? कृत्रिम बुद्धिमत्ता सूचना प्राप्त करने और संवाद करने के हमारे तरीके को बदल रही है लेकिन इसे कौन और किस उद्देश्य से निर्देशित करता है?’’ ‘‘हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना होगा कि प्रौद्योगिकी मनुष्यों की जगह न ले ले और सूचना एवं आज इसे नियंत्रित करने वाले एल्गोरिदम कुछ ही लोगों के हाथों में न रह जाएं।’’

‘एल्गोरिदम’ किसी कार्य को करने के लिए चरण-दर-चरण निर्देशों का एक समूह है जिसका उपयोग अक्सर कंप्यूटर विज्ञान में किया जाता है।

प्रिय मित्रों, आपके काम के लिए धन्यवाद! मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं कि आप उन चुनौतियों पर विचार करें जिनका हम सामना कर रहे हैं।

दुनिया को स्वतंत्र, ठोस और वस्तुनिष्ठ जानकारी की जरूरत है। इस संदर्भ में अमेरिकी इतिहासकार हन्ना अरेंड्ट की पुस्तक ‘द ओरिजिन्स ऑफ टोटलिटेरियनिज्म’’ में दी गई चेतावनी को याद रखना उचित है कि ‘‘अधिनायकवादी शासन का आदर्श विषय कोई कट्टर नाजी या कट्टर कम्युनिस्ट नहीं है, बल्कि वे लोग हैं जिनके लिए तथ्य एवं कल्पना और सच एवं झूठ के बीच का अंतर अब अस्तित्व में नहीं है।’’

आप धैर्य और मेहनत से उन लोगों के खिलाफ एक ढाल बन सकते हैं जो झूठ बोलकर लोगों में फूट डालते हैं ताकि वे ‘बांटो और राज करो’ की नीति से शासन कर सकें।

संचार क्षेत्र अपने काम को, सच्चाई साझा करने से अलग नहीं कर सकता और ना ही ऐसा करना चाहिए।

मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अपने अधिकार का कभी सौदा न करें।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश