Dhan Kharidi Chhattisgarh 2025: छत्तीसगढ़ में करीब 50 करोड़ का अवैध धान जब्त, महासमुंद बना हॉट स्पॉट, जानिए किस जिले से कितनी हुई जब्ती

Dhan Kharidi Chhattisgarh 2025: छत्तीसगढ़ में करीब 50 करोड़ का अवैध धान जब्त, महासमुंद बना हॉट स्पॉट, जानिए किस जिले से कितनी हुई जब्ती

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  • Publish Date - December 8, 2025 / 09:14 AM IST,
    Updated On - December 8, 2025 / 09:15 AM IST

Dhan Kharidi Chhattisgarh 2025: छत्तीसगढ़ में करीब 50 करोड़ का अवैध धान जब्त, महासमुंद बना हॉट स्पॉट / Image: CG DPR

HIGHLIGHTS
  • 1,51,809 क्विंटल अवैध धान जब्त
  • महासमुंद जिले में सर्वाधिक 25,718 क्विंटल धान जब्त
  • अवैध धान को रोकने के लिए निगरानी

रायपुर: Dhan Kharidi Chhattisgarh 2025 छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारम्भ होने के पूर्व से ही प्रदेश में अवैध धान के भण्डारण एवं परिवहन से आने वाले धान की कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पिछले एक नवंबर से 6 दिसम्बर तक प्रदेश के विभिन्न जिलों से एक लाख 51 हजार 809 क्विंटल धान जब्त किया गया है। इस बार मार्कफेड द्वारा राज्य में अवैध परिवहन के जरिए अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ आने वाले धान को रोकने के लिए राज्य के सीमावर्ती जिलों में चेकपोस्ट और कलेक्टर की अध्यक्षता में टॉस्कफोर्स भी बनाए गए हैं। इसके साथ ही मार्कफेड में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था की सतत निगरानी की जा रही है।

महासमुंद अवैध धान का हॉट स्पॉट

Dhan Kharidi Chhattisgarh 2025 मार्कफेड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक नवंबर से 6 दिसम्बर के अवधि में मण्डी अधिनियम 1972 के तहत सीमावर्ती विभिन्न जिलों से छत्तीसगढ़ राज्य में अवैध परिवहन के माध्यम से आने वाले धान पर कार्यवाही की जा रही है। इनमें सर्वाधिक महासमुंद जिले में 25,718 क्विंटल धान जब्त किया गया है। इसी प्रकार धमतरी में 23,859 क्विंटल रायगढ़ जिले में 21,331 क्विंटल, राजनांदगांव 14,977 क्विंटल, बलरामपुर जिले में 9771 क्विंटल, बेमेतरा में 6490 क्विंटल, कवर्धा में 5734 क्विंटल, बालोद में 4595 क्विंटल, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 3770 क्विंटल, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 2868 क्विंटल, जशपुर जिले में 2771 क्विंटल, सूरजपुर जिले में 2650 क्विंटल, दुर्ग में 2350 क्विंटल, जांजगीर-चांपा में 2014 क्विंटल, बलौदाबाजार में 1855 क्विंटल, बीजापुर जिले में 1842 क्ंिवटल, रायपुर में 1679 क्विंटल, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 1583 क्विंटल, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1500 क्विंटल, बस्तर जिले में 1560 क्विंटल, मोहला-मानपुर-चौकी में 1402 क्विंटल, गरियाबंद में 1393 क्विंटल, कोरबा में 1346 क्विंटल, सरगुजा में 1282 क्विंटल, कोरिया में 1237 क्विंटल, सक्ती में 1201 क्विंटल, कोण्डागांव जिले में 1148 क्विंटल, बिलासपुर में 1060 क्विंटल, कांकेर जिले में 1012 क्विंटल, मुंगेली में 917 क्विंटल, दंतेवाड़ा में 445 क्विंटल, नारायणपुर में 323 क्विंटल, सुकमा में 216 क्विंटल धान जब्त किए गए हैं।

 धान खरीदी व्यवस्था की सतत निगरानी

उल्लेखनीय है कि सीमावर्ती जिलों में निगरानी बढ़ाए जाने और त्वरित अलर्ट-रिस्पॉन्स सिस्टम की बदौलत अन्य राज्यों से धान की अवैध आमद को रोकने में प्रभावी सफलता मिल रही है।शासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी व्यवस्था में किसी भी प्रकार की अनियमितता और अवैध गतिविधि को हर स्तर पर जीरो टॉलरेंस के साथ रोका जाएगा।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मार्कफेड द्वारा धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए एकीकृत कंट्रोल सेंटर के माध्यम से रियल-टाइम निगरानी की जा रही है। साथ ही अवैध परिवहन के माध्यम से राज्य में आने वाले धान को रोकने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है।

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1 नवंबर से 6 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ में कुल कितना अवैध धान जब्त किया गया है?

1 नवंबर से 6 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ में कुल 1 लाख 51 हजार 809 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है।

किस जिले में धान की सर्वाधिक जब्ती हुई है?

मार्कफेड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार महासमुंद जिले में सर्वाधिक 25,718 क्विंटल धान जब्त किया गया है।

अवैध धान के परिवहन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या विशेष व्यवस्था की है?

अवैध धान के परिवहन को रोकने के लिए राज्य के सीमावर्ती जिलों में चेकपोस्ट और कलेक्टर की अध्यक्षता में टॉस्कफोर्स बनाए गए हैं।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था की निगरानी किस केंद्र के माध्यम से की जा रही है?

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था की निगरानी मार्कफेड में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से की जा रही है।

शासन ने धान खरीदी व्यवस्था में अनियमितता के लिए कौन सी नीति अपनाई है?

शासन ने धान खरीदी व्यवस्था में किसी भी प्रकार की अनियमितता को हर स्तर पर 'जीरो टॉलरेंस' के साथ रोकने की नीति अपनाई है।