हैदराबाद/मेलबर्न, 16 दिसंबर (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर पिछले सप्ताहांत हुई गोलीबारी में शामिल संदिग्धों में से एक साजिद अकरम मूल रूप से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का रहने वाला था। तेलंगाना पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि 50 वर्षीय साजिद भले ही 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया जाकर बस गया था, लेकिन उसके पास भारतीय पासपोर्ट था।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साजिद अपने बेटे नवीद अकरम के साथ हाल ही में भारतीय पासपोर्ट पर फिलिपीन गया था।
साजिद बॉन्डी बीच पर पुलिस कार्रवाई के दौरान मारा गया था।
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, साजिद नवंबर 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था और उसका हैदराबाद में रहने वाले अपने परिवार से सीमित संपर्क था।
बयान में कहा गया है, “साजिद मूल रूप से हैदराबाद (भारत) का रहने वाला था। उसने हैदराबाद से बी.कॉम की डिग्री हासिल की और फिर रोजगार की तलाश में लगभग 27 साल पहले नवंबर 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया।”
इसमें कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में साजिद ने यूरोपीय मूल की एक महिला से शादी कर ली और वहीं बस गया।
बयान के अनुसार, “दंपति के दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं। इनमें से एक नवीद (24) बॉन्डी बीच के दो संदिग्ध हमलावरों में शामिल है।”
इसमें कहा गया है कि नवीद और उसकी बहन का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था तथा दोनों वहीं के नागरिक हैं।
सिडनी के बॉन्डी बीच पर पिछले सप्ताहांत यहूदी पर्व हनुक्का का जश्न मना रही भीड़ पर हुई गोलीबारी में 15 लोग मारे गए थे।
ऑस्ट्रेलिया की संघीय पुलिस आयुक्त क्रिसी बैरेट ने मंगलवार को कहा कि यह गोलीबारी “इस्लामिक स्टेट से प्रेरित एक आतंकवादी हमला” थी।
ऑस्ट्रेलियाई प्राधिकारियों के मुताबिक, गोलीबारी की घटना को अंजाम देने का संदेह एक पिता-पुत्र पर है, जिनकी उम्र क्रमशः 50 साल और 24 साल है।
उन्होंने बताया कि पिता-पुत्र की पहचान साजिद अकरम और नवीद अकरम के रूप में हुई है।
प्राधिकारियों के अनुसार, साजिद घटनास्थल पर पुलिस की कार्रवाई में मारा गया था, जबकि नवीद गंभीर रूप से घायल हो गया था और उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
तेलंगाना पुलिस ने कहा कि साजिद ऑस्ट्रेलिया में बसने के बाद छह मौकों पर भारत आया था, मुख्यत: पारिवारिक कारणों से, जिनमें संपत्ति संबंधी मामले और बुजुर्ग माता-पिता से मुलाकात शामिल है, लेकिन बताया जाता है कि वह अपने पिता की मौत के समय भारत नहीं आया था।
पुलिस के मुताबिक, परिवार के सदस्यों ने कहा है कि उन्हें न तो साजिद की कट्टरपंथी सोच या गतिविधियों के बारे में और न ही उन परिस्थितियों के बारे में कोई जानकारी थी, जिनके कारण वह कट्टरपंथ की राह पर चल पड़ा।
पुलिस ने कहा, “साजिद और उसके बेटे नवीद अकरम के कट्टरपंथी बनने के पीछे के कारकों का भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई संबंध नहीं प्रतीत होता है।”
उसने कहा कि साजिद के खिलाफ 1998 में भारत छोड़ने से पहले देश में रहने के दौरान कोई प्रतिकूल रिकॉर्ड नहीं मिला है।
तेलंगाना पुलिस ने कहा कि वह जरूरत पड़ने पर केंद्रीय एजेंसियों और अन्य समकक्षों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने जनता और मीडिया से आग्रह किया कि वे सत्यापित तथ्यों के बिना अटकलें लगाने या आरोप-प्रत्यारोप से बचें।
इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के एबीसी न्यूज समाचार चैनल ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से प्रसारित खबर में कहा कि साजिद और नवीद “सैन्य शैली का प्रशिक्षण” हासिल करने के लिए फिलिपीन गए थे।
खबर के मुताबिक, “साजिद और नवीद के नवंबर की शुरुआत में मनीला की यात्रा करने की बात सामने आने के बाद, जांचकर्ता अब पिता-पुत्र के एक अंतरराष्ट्रीय जिहादी नेटवर्क के साथ संबंधों की जांच कर रहे हैं।”
खबर के अनुसार, फिलिपीन के आव्रजन ब्यूरो ने पुष्टि की है कि पिता-पुत्र एक नवंबर को ऑस्ट्रेलिया से फिलिपीन पहुंचे थे और दक्षिणी शहर दावो में ठहरे थे, जो 1990 के दशक से इस्लामी चरमपंथी का गढ़ रहा है।
खबर में आव्रजन ब्यूरो की प्रवक्ता डाना सैंडोवल के हवाले से कहा गया है, “साजिद और नवीद 28 नवंबर 2025 को दावो से मनीला के रास्ते ऑस्ट्रेलिया जाने वाली उड़ान से देश छोड़कर चले गए और उनका अंतिम गंतव्य सिडनी था।”
इसमें सैंडोवल के हवाले से कहा गया है कि साजिद एक भारतीय पासपोर्ट पर, जबकि उसका बेटा नवीद ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर फिलिपीन में दाखिल हुआ था।
फिलिपीन में राष्ट्रपति संचार कार्यालय की अवर सचिव क्लेयर कास्त्रो ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) उन खबरों की जांच कर रही है, जिनमें कहा गया है कि पिता-पुत्र ने हमले से एक महीने पहले फिलिपीन की यात्रा की थी।
भाषा पारुल देवेंद्र
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