रूस में आर्मी समूह का बड़ा विद्रोह, मुख्य सेना ने कहा ‘भाड़े के सैनिक है, निपट लेंगे’, दी है मास्को में कब्जे की चुनौती

रूस में आर्मी समूह का बड़ा विद्रोह, मुख्य सेना ने कहा ‘भाड़े के सैनिक है, निपट लेंगे’, दी है मास्को में कब्जे की चुनौती
Modified Date: June 24, 2023 / 04:42 pm IST
Published Date: June 24, 2023 4:37 pm IST

मास्को: पिछले डेढ़ साल से यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे रूस की सेना में सशस्त्र विद्रोह हो गया है। यह विद्रोह रूस की प्राइवेट सेना वैगनर ग्रुप की तरफ से सामने आया है। (Update on the Wagner Group rebellion in Russia) जानकारी के मुताबिक़ वैगनर समूह ने रूसी सेना को ख़त्म करने और मास्को पर कब्जा करने की धमकी दी है। इसके बाद से ही देश के दोनों सेनाओ के बीच भीषण लड़ाई की खबरे सामने आ रही है।

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दरअसल विद्रोही समूह वैगनर के प्रमुख ने रूसी सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे। वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने शनिवार को मॉस्को पर घातक मिसाइल हमलों से उनकी सेना को निशाना बनाने का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्होंने बदला लेने का मन बना लिया था। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, बड़ी संख्या में वैगनर ग्रुप के लड़ाके मॉस्को की ओर बढ़ रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए रास्ते में रूसी सेना ने भी भारी मोर्चाबंदी कर दी है। रूसी शहर रोस्तोव में रूसी सेना और वैगनर ग्रुप के बीच भीषण लड़ाई की भी खबर है। वही रूस के मुख्य सेना ने वैगनर को भाड़े का सैनिक बताते हुए कहा है कि वे भी अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।

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क्या है वैगनर ग्रुप?

वैगनर ग्रुप एक प्राइवेट सेना की टुकड़ी है, जो रसिया को क्रेमलिन की मदद से किराए पर लड़ाकू विमान मुहैय्या कराता है। उन्होंने पहले यूक्रेन में युद्ध में विफलताओं के लिए देश के सैन्य नेतृत्व की आलोचना की है, और रक्षा मंत्रालय के साथ लंबे समय से चल रहे झगड़े के लिए जाने जाते हैं। इस तरह देखा जाएं तो वैगनर समूह एक रुसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून और नियम लागू नहीं होता। इसे देश की एक प्राइवेट आर्मी के तौर पर देख सकते हैं। (Update on the Wagner Group rebellion in Russia) इस संगठन को साल 2014 में यूक्रेन से संघर्ष के दौरान पहचान मिली। उस दौर में इसे एक खुफिया सैनिक समूह के रूप में जाना जाता था जो अधिकांश अफ्रीका और मध्य पूर्व में अधिक सक्रिय थे।

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क्यों हुआ विद्रोह?

वैगनर सेना यूक्रेन और नाटो देशों के खिलाफ शुरू हुए युद्द में रूसी सेना की पैरामिलिट्री के तौर पर सेवा देने के लिए जानी जाती है। लेकिन इस युद्ध के शुरुआत से ही देखा गया कि रूस को जिस आक्रामकता से यूक्रेन पर हमले करने थे या विरोधियों का जवाब देना था वह नहीं दे पाया। रूस शरुआती से ही रक्षात्मक मुद्रा में रहा। इस दौरान रूस ने इस लड़ाई में काफी नुकसान भी उठाया। रूस के लिए बनते यही विपरीत हालत इस तरह के विद्रोह का कारण बना। देखना होगा की अब देश के भीतर पैदा हुए इस गृहयुध्द की स्थिति से रूस कैसे बाहर आता है?

पुतिन ने भी दी चेतावनी

वैगनर के विद्रोह पर पुतिन ने भी जवाबी हमला बोलै है। उन्होंने कहा है कि सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाला हर कोई देशद्रोही है। सेना को इससे निपटने के सभी जरूरी आदेश दे दिए गए हैं। (Update on the Wagner Group rebellion in Russia) उन्होंने कहा कि वैगनर ने रूस को धोखा दिया। उन्होंने सेना की पीठ में छुरा भोंका है। इससे पहले रूसी सेना ने शनिवार को कहा कि वैगनर के भाड़े के सैनिकों की “सुरक्षा की गारंटी” दी जाएगी, जो मॉस्को के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह बंद करके लौट आएंगे।

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