जब ‘मिनी इंडिया’ में बदल गया रियाद : भारतीय संस्कृति और सऊदी दोस्ती का जश्न

जब ‘मिनी इंडिया’ में बदल गया रियाद : भारतीय संस्कृति और सऊदी दोस्ती का जश्न

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  • Publish Date - November 12, 2025 / 03:34 PM IST,
    Updated On - November 12, 2025 / 03:34 PM IST

(माणिक गुप्ता)

रियाद, 12 नवंबर (भाषा) भारतीय प्रवासियों को घर जैसा महसूस करने तथा सऊदी अरब के मूल निवासियों को भारत की जीवंत संस्कृति एवं विरासत का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करने के लिए हाल ही में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में संपन्न हुआ ‘इंडिया वीक’ कार्यक्रम एक शानदार पहल रहा।

रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और पारंपरिक शिल्प से लेकर विविध क्षेत्रीय व्यंजनों तक, यहां अल-सुवेदी पार्क दो से 10 नवंबर तक एक जीवंत ‘मिनी इंडिया’ में तब्दील हो गया।

‘वैश्विक सद्भाव’ पहल के दूसरे संस्करण के तहत इसका आयोजन सऊदी अरब के मीडिया मंत्रालय और सामान्य मनोरंजन परिषद (जीईए) द्वारा किया गया।

पार्क में यह कोई सामान्य दिन नहीं था क्योंकि कार्यक्रम में गायिका कनिका कपूर और रैपर एमसी स्टेन के प्रदर्शन के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय लोक नृत्यों की रंगारंग परेड ने जान डाल दी, जिसमें भारी भीड़ और उत्साही भागीदारी देखने को मिली।

भांगड़ा की ऊर्जावान धुनों पर थिरकते कलाकारों, रंगारंग राजस्थानी लोक नृत्य और गुजराती गरबा की धूम ने भारतीय प्रवासियों को घर जैसा अहसास कराया जबकि सउदी के लोगों के लिए भी यह एक शानदार अनुभव रहा।

मनाली रामटेके (33) के लिए यह सचमुच ‘‘घर वापसी’’ जैसा था, जो छह महीने पहले अपने तकनीकी विशेषज्ञ पति के साथ रहने के लिए भारत से रियाद आई थीं। रामटेके देसी शाकाहारी व्यंजनों का स्वाद लेकर बेहद प्रसन्न नजर आईं क्योंकि उन्हें पिछले कुछ महीनों से इसका इंतजार था।

इसमें सिर्फ भारतीय प्रवासी ही शामिल नहीं थे, सऊदी अरब के स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में आए और अपने परिवारों के साथ पूरा दिन बिताया, मनोरंजन का आनंद लिया और भारतीय संस्कृति का अनुभव किया।

स्थानीय निवासी हुसैन सलीम ने कहा, ‘‘मुझे यहां सांस्कृतिक और विविधता भरे कार्यक्रम बेहद पसंद आए। दूसरी संस्कृतियों के बारे में जानना भी बहुत अच्छा अनुभव है। मुझे सबसे ज्यादा हैरानी इस बात की हुई कि अलग-अलग क्षेत्रों के इतने सारे लोग एक साथ यहां आए। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत आनंददायक रहा है। मैं पहली बार यहां आया हूं, और उम्मीद करता हूं कि मैं हर साल यहां आऊंगा।’’

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल