Assistant Professor Eligibility: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी नहीं PhD की डिग्री, UGC ने नियमों में किया बदलाव

असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी नहीं PhD की डिग्री, UGC ने नियमों में किया बदलाव! Assistant Professor Eligibility

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  • Publish Date - March 12, 2023 / 02:44 PM IST,
    Updated On - March 12, 2023 / 02:44 PM IST

नई दिल्ली: Assistant Professor Eligibility असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं, लेकिन PhD की डिग्री रास्ते का रोड़ा बन रही है तो आपके लिए गुड न्यूज है। जी हां अच्छी खबर ये है कि यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए PhD की डिग्री की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इस बात की जानकारी UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में Assistant Professor के पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। इसके लिए अब सिर्फ यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी UGC NET में योग्यता पर्याप्त मानी जाएगी।

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Assistant Professor Eligibility चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने उस्मानिया विश्वविद्यालय कैंपस में नवनिर्मित यूजीसी-एचआरडीसी भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान बताया कि देश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक राहत भरी खबर है। पहले विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी की डिग्री अनिवार्य थी। लेकिन अब नए नियम से छात्रों को राहत मिलेगी।

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UGC Chairman ने इस अवसर पर बताया कि एक राष्ट्र-एक डेटा पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें यूजीसी के सभी दिशानिर्देश और अन्य विवरण होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अगले शैक्षणिक वर्ष से शिक्षा की पारंपरिक पद्धति के साथ-साथ राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सीधे छात्रों तक पहुंचाई जाएगी।

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हाल ही में, यूजीसी की ओर से पीएचडी कोर्स को लेकर नए नियम लागू किए गए थे। नए नियम के तहत PhD के लिए उम्मीदवारों को एडमिशन की डेट से अधिकतम छह साल का समय दिया जाएगा। उम्मीदवारों को री-रजिस्ट्रेशन के जरिए ज्यादा से ज्यादा दो साल का और समय दिया जाएगा। यूजीसी चेयरमैन ने इसकी जानकारी दी थी।

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नए नियम के तहत ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से पीएचडी पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले थीसिस जमा कराने से पहले शोधार्थी को कम से कम दो शोधपत्र छपवाना पड़ता था। अब पीएचडी के नए नियमों में इसकी छूट दी गई है। रिसर्च की प्रक्रिया के दौरान दो रिसर्च पेपर छपवाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

 

 

 

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