‘जलपरी की बॉडी पाकर हैरान रह गया मछुआरा.. कहा जाता है कि इसकी ‘चमड़ी खाकर 800 साल तक जिंदा रही महिला’

'जलपरी की बॉडी' की बॉडी पाकर हैरान रह गया मछुआरा.. कहा जाता है कि इसकी 'चमड़ी खाकर 800 साल तक जिंदा रही महिला'

  •  
  • Publish Date - March 4, 2022 / 04:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

जापान। इस दुनिया में जलपरी भी मौजूद है, अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिला। लेकिन कुछ अवशेष हमें इस बात को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि सालों-साल पहले ऐसा हुआ करता था।

पढ़ें- शनाया कपूर की हॉट फोटोशूट देखकर मच जाएगी सनसनी.. इस स्टार कीं हैं बेटी.. अभी से चढ़ने लगा है सोशल मीडिया का ‘पारा’ 

रहस्यमय 12 इंच के जीव को कथित तौर पर जापानी द्वीप शिकोकू से 1736 और 1741 के बीच प्रशांत महासागर में मछुआरे द्वारा पकड़ा गया था, और अब इसे असाकुची शहर के एक मंदिर में रखा गया है। जलपरी जैसी दिखने वाली ममी के बारे में कहा जा रहा है कि जो कोई भी इसके मांस का स्वाद लेगा, उसे अमरत्व मिल जाएगा। वैज्ञानिकों द्वारा इसकी वास्तविक प्रकृति को प्रकट करने के लिए जांच की जाएगी।

पढ़ें- जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में जोरदार आत्मघाती धमाका.. 30 से ज्यादा की मौत.. 50 घायल

तस्वीर में देख सकते हैं कि मछली की तरह निचले आधे हिस्से को छोड़कर मुस्कुराता हुआ चेहरा, नुकीले दांत, दो हाथ, सिर और भौंह पर बाल मौजूद हैं। यह एक भयानक मानवीय रूप में दिखाई दे रहा है।

पढ़ें- शिक्षिका ने शुरू कर दिया ‘गंदा’ काम.. साल भर की सैलरी से ज्यादा है अब 1 महीने की कमाई

अब कुराशिकी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड द आर्ट्स के शोधकर्ताओं ने इसके रहस्यों को जानने के लिए ममी को सीटी स्कैनिंग के लिए लिया है। प्रोजेक्ट के साथ आए ओकायामा फॉकलोर सोसायटी के हिरोशी किनोशिता ने कहा कि विचित्र प्राणी का धार्मिक महत्व भी हो सकता है।

पढ़ें- यहां समोसा खाने पर सजा का है ऐलान.. इसलिए लगाया गया है बैन.. जानें

हिरोशी ने कहा, ‘जापानी मत्स्यांगनाओं में अमरता की मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप मत्स्यांगना (जलपरी) का मांस खाते हैं, तो आप कभी नहीं मरेंगे।

पढ़ें- यूक्रेन से अबतक 17,000 भारतीयों को निकाला गया, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

जापान के कई हिस्सों में एक मान्यता है कि एक महिला ने गलती से एक जलपरी का मांस खा लिया और 800 साल तक जीवित रही। यह ‘याओ-बिकुनी’ मान्यता उस मंदिर के पास भी संरक्षित है जहां जलपरी ममी पाई गई थी। मैंने सुना है कि कुछ लोग इस मान्यता में भी विश्वास करते हैं कि जलपरी ममियों के मांस खाए जाते थे।’