ये है दुनिया की सबसे खतरनाक जेल, जहां एक-दूसरे की जान ले लेते हैं कैदी, हर दिन होती है औसत 8 लोगों की मौत

ये है दुनिया की सबसे खतरनाक जेल, जहां एक-दूसरे की जान ले लेते हैं कैदी, हर दिन होती है औसत 8 लोगों की मौत

ये है दुनिया की सबसे खतरनाक जेल, जहां एक-दूसरे की जान ले लेते हैं कैदी, हर दिन होती है औसत 8 लोगों की मौत
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: August 3, 2020 12:47 pm IST

रवांडा। दुनियाभर में मौजूद जेलों को लेकर आपने कई तरह की बातें सुनी होगी। कई जेलों में कैदियों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाता है, तो वहीं कई जेलों में थर्ड डिग्री देकर टॉर्चर किया जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जेल के बारे में बता रहे हैं, जो दुनिया के सबसे खतरनाक जेलों में शुमार किया जाता है। इस जेल में कैदियों का जीवन हर समय खतरे में रहता है।

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इस जेल का नाम गीतारामा सेंट्रल जेल है जो अफ्रीकी देश रवांडा में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस जेल में सुरक्षाकर्मी कैदियों को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन कैदी आपस में ही एक-दूसरे को जान से मार देते हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि इस जेल के कैदी लाशों को खा भी जाते हैं।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गीतारामा सेंट्रल जेल की क्षमता 600 कैदियों की हैं। लेकिन यहां पर 7,000 से भी अधिक कैदियों को रखा जाता है। जेल में जगह कम होने के वजह से कैदियों को खड़े-खड़े ही दिन गुजारना पड़ता है। जिसकी वजह से जल्द ही किसी न किसी बीमारी के चपेट में आ जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो इस जेल में हर दिन 8 लोगों की मौत हो जाती है।

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हालांकि, कई मानवाधिकार संगठन जेल की प्राशसनिक व्यवस्था को लेकर विरोध करते रहे हैं। लेकिन इन विरोध के बावजूद भी गीताराम सेंट्रल जेल के कैदियों के जीवन स्तर में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com