नई दिल्ली। woman give birth 5 babies : आप सभी ने यह तो सुना ही होगा कि किसी महिला ने एक साथ दो या फिर तीन बच्चों को जन्म दिया है। लेकिन आज मैं जो खबर बताने जा रहा हूं उसमें एक महिला ने एक साथ 5 बच्चों को जन्म दिया है और हैरानी की बात तो यह है कि वह सब बेटियां हैं। जी हां एक साथ 5 बेटियों को जन्म देना कोई आम बात नहीं है और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात है उनका भरण-पोषण करना। महिला ने अपनी यह पूरी दास्तां एक वीडियो के माध्यम से बताई जिसे इसने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी किया। वीडियो में महिला ने बताया कि कैसे उसने जिंदगी में इस बेटियों के लिए संघर्ष किया।
woman give birth 5 babies : महिला का नाम डिवीना नियांगरिसा है जो कुल 6 बेटियों की मां है। इसमें सबसे बडी बेटी का जन्म 10 साल पहले हुआ था। लेकिन बाकि की पांच बेटियों का जन्म एक साथ हुआ। जब महिला ने एक साथ पांच बेटियों को जन्म दिया तो कई लोगों ने उनका मनोबल गिराया और कहा कि वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह पाएगी। डिवीना का कहना है कि पांच बेटियों की प्रेग्नेंसी के दौरान उन्होंने कई कठनाईओं का सामना किया। पांचों बेटियां प्री-मैच्योर पैदा हुई और तीन महीनों तक आईसीयू में भर्ती थीं। उनकी बेटियां सामान्य आकार की तुलना में छोटी थीं। सबसे ज्यादा किसी बेटी का वजन ज्यादा तो वह बेटी डेढ किलो की थी।
woman give birth 5 babies : डिवीना ने कहा, फर्ज करिए अगर एक बच्ची को सुबह बुखार है तो शाम आते-आते दो और बेटियों को बुखार आ जाएगा। अगले दिन तक पांचों बुखार की चपेट में होंगी से में देखभाल में भी दिक्कत आती है। डिवीना ने कहा कि बच्चों को स्कूल फीस जुटाना भी मशक्कत भरा काम है एकबार तो स्कूल ने फीस जमा ना करने की वजह से वापस कर दिया था। पेशे से टीचर डिवीना होम ट्यूशन देती हैं, इससे उनकी आय होती है।
डिवीना ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह अपनी बेटियों को देखने जाती थीं। कई बार तो अस्पताल से कॉल रात के समय आती थी, ऐसे में वह डर जाती थी वह फोन पर ही अस्पताल वालों से कई सवाल कर लेती थीं कि आखिर क्या हुआ है, सब बेटियांं ठीक तो हैं, क्या कोई बेटी मर तो नहीं गई? आगें कहा कि जिन तीन महीने उनकी बेटियां भर्ती रहीं, वह समय उनके लिए बेहद डरावना रहा।पांचों बच्चों को ब्रेस्टफ्रीड कराना भी मुश्किल काम था सभी को समुचित फीड नहीं करवा पाती थीं। जब 5 बच्चियां 6 महीने की हुईं तो उन्होंने सभी को दलिया देना शुरू कर दिया, पीने के लिए गाय का दूध देती थीं।
अपनी बेटियों को वह घर पर ही पढ़ाती हैं, उन्हें पढ़ाने के लिए एक टीचर घर पर ही आता है। डिवीना कहती हैं कि यह बेटियों को स्कूल भेजने की अपेक्षा सस्ता पड़ता है। डिवीना इसके अलावा Swahili भाषा की ऑनलाइन कोचिंग देती हैं, जो उनकी आमदनी का हिस्सा है। वहीं स्थानीय चर्च के पादरी भी परिवार की मदद करते हैं। डिवीना अपनी सभी बेटियों के साथ किराए के घर में रहती हैं. वह कई बार लोगों से बच्चों की स्कूल फीस के लिए मदद का आग्रह करती हैं। कहा कि अगर स्कूल फीस को लेकर मदद हो जाए तो वह बाकी खर्चा खुद हैंडल कर लेंगी।
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