सतनाः Chunavi Chaupal in Satna मध्यप्रदेश में आईबीसी 24 का चुनावी चौपाल कार्यक्रम लगातार जारी है। हम अलग-अलग विधानसभा सीटों पर जाकर वहां के विकास, विधायकों के प्रदर्शन और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जनता का मूड जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम पहुंचे हैं मध्यप्रदेश के सतना विधानसभा सीट पर…
मध्यप्रदेश की रीवा संभाग में आने वाली सतना विधानसभा सीट काफी अहम सीट मानी जाती है। सीमेंट हब के तौर पर विख्यात सतना, मध्यप्रदेश के औद्योगिक नगरों में शामिल है। वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां से कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा विधायक है।
दो लाख 33 हजार मतदाता वाले इस विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो इस सीट पर ओबीसी की बाहूलता है। यहां करीब 24 फीसदी मतदाता ओबीसी समुदाय से आते हैं। 14 फीसदी मतदाताओं के साथ अनुसूचित जनजाति दूसरे नंबर पर है। एसटी पांच, मुस्लिम 10, अन्य 3% हैं। यहां सामान्य वर्ग के मतदाताओं की अच्छी-खासी तदाद है।
2018 में कांग्रेस ने लहराया था परचम
Chunavi Chaupal in Satna साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सतना की जनता ने कांग्रेस का अपना साथ दिया था। यहां कांग्रेस से सिद्धार्थ कुशवाहा और भाजपा से शंकरलाल तिवारी चुनावी मैदान पर थे। कड़े मुकाबले में कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा ने बाजी मार ली। उन्होंने बीजेपी के शंकरलाल तिवारी को 12558 वोटों से शिकस्त दी थी।
2013 में दूसरी बार जीती थी भाजपा
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में सतना सीट पर लड़ाई दो ब्राह्मणों के बीच थी। बीजेपी की ओर से शंकरलाल तिवारी तो कांग्रेस की ओर से राजाराम त्रिपाठी मैदान में थे। आखिर में बीजेपी को इस सीट पर 15332 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल हुई थी। सवर्णों की लड़ाई से बीएसपी को फायदा पहुंचा और पिछले चुनाव में मायावती की पार्टी को भी 21 फीसदी वोट मिले। इस सीट पर समाजवादी पार्टी और अपना दल समेत करीब 22 दलों ने चुनाव लड़ा था।
Read More : सदन में Porn देखने वाले विधायक की अजीबोगरीब सफाई, BJP ने भी जारी किया नोटिस, माँगा जवाब
2008 में 25 उम्मीदवारों ने अजमाई थी किस्मत
सतना सीट पर 2008 के विधानसभा चुनाव में हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेला गया। इस चुनाव में बीजेपी के शंकरलाल तिवारी के खिलाफ कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी सईद अहमद को मैदान में उतारा था। हालांकि ये दांव भी काम न आया और कांग्रेस यह सीट 10800 वोटों के अंतर से हार गई थी। बीएसपी को इस चुनाव में 19 फीसदी वोट मिले और वह तीसरे स्थान की पार्टी रही। 2008 के चुनाव में 25 उम्मीदवारों ने अपने किस्मत दांव पर लगाई थी।
Chunavi Chaupal in Satna सतना विधानसभा में मु्द्दों की कमी नहीं हैं। औद्योगिक नगरी होने के बावजूद ये इलाका विकास के नाम पर उपेक्षित ही रहा है। आज भी यहां के बाशिंदे सड़क और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं। जब हमने यहां के मतदाताओं से बात की विधायक के काम को लेकर मिला-जुला रिस्पॉस मिला।
विधायक को लेकर एक मतदाता ने बताया कि विधायक ने कोई खास काम यहां नहीं किया है। विधायक के लाख दावें के बाद भी सतना की सूरत नहीं सुधरी है। रोजगार को लेकर एक युवा मतदाता ने कहा कि बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां होने के बाद भी यहां के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। युवा अब दूसरे शहरों में मजदूरी करने को मजबूर है।