Gunderdehi Assembly Analysis, Chunavi Chaupal in Gunderdehi

Chunavi Chaupal in Gunderdehi : गुंडरदेही में रहती है भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जनता ने बताया अपना मूड

गुडरदेही में रहती है भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर : Gunderdehi Assembly Analysis, Chunavi Chaupal in Gunderdehi

Edited By :   Modified Date:  April 8, 2023 / 08:27 PM IST, Published Date : April 8, 2023/8:27 pm IST

Gunderdehi Assembly Analysis छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में आईबीसी 24 का चुनावी चौपाल कार्यक्रम लगातार जारी है। हम अलग-अलग विधानसभा सीटों पर जाकर वहां के विकास, विधायकों के प्रदर्शन और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जनता का मूड जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज बारी है छत्तीसगढ़ के गुंडरदेही विधानसभा की…

Gunderdehi Assembly Analysis गुंडरदेही के सियासी इतिहास की बात की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा ही कड़ी टक्कर रही है। ये सीट 1962 में वजूद में आई और इस सीट पर कांग्रेस के उदयराम पहले विधायक बने। इसके बाद 1967 में यहां से कांग्रेस के वासुदेव चंद्राकर, 1972 में घनाराम साहू ने निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने 1977 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत हासिल की थी। कांग्रेस के हरिहर प्रसाद शर्मा 1980 और 1985 में विधायक बने। इसके बाद 1990 और 1993 के चुनाव मे बीजेपी के टिकट पर ताराचंद ने सफलता पाई। 1998 में घनाराम साहू ने फिर यहां कांग्रेस की वापसी कराई 2003 में बीजेपी की रमशीला साहू ने उन्हें मात देकर विधायक बनी। 2008 में बीजेपी के वीरेंद्र साहू विधायक बने और 2013 में कांग्रेस ने फिर कब्जा जमाया। 2018 में यहां के कुंवर सिंह निषाद विधायक बनें।

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2018 में कांग्रेस के खाते में आई थी सीट

Gunderdehi Assembly Analysis बालोद जिले के गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र में भी संजरी-बालोद तथा डौंडीलोहारा की तरह ही त्रिशंकु की स्थिति थी। फर्क था तो केवल इतना की पूर्व में तो यहां पर भी कांग्रेस के ही विधायक राजेंद्र राय रहे थे परंतु बाद में वे जकांछ में सम्मिलित हो गए थे तथा इस बार वे जकांछ से चुनाव मैदान में थे तो वहीं बीजेपी ने ताराचंद साहू के पुत्र दीपक साहू पर भरोसा कर जातिगत समीकरण को जहां भुनाने का प्रयास किया परंतु वो यहां भी असफल रहे। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के कुंवर सिंह निषाद ने करीब 55 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। कुंवर सिंह निषाद को 110369 वोट मिले। वहीं भाजपा के दीपक साहू को करीब 55 हजार वोट मिले।

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2013 के नतीजे
कांग्रेस के राजेंद्र कुमार राय को 72770 वोट मिले थे।
बीजेपी के वीरेंद्र कुमार साहू को 51490 वोट मिले थे।

2008 के परिणाम
बीजेपी के वीरेंद्र कुमार साहू को 64010 वोट मिले थे।
कांग्रेस के घनाराम साहू को 61425 वोट मिले थे।

2003 के नतीजे
बीजेपी के रमशिला साहू को 40813 वोट मिले थे।
कांग्रेस के घनाराम साहू को 31523 वोट मिले थे।

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इस बार क्या कहती है जनता

हमारे संवाददाता मोहन दास मानिकपुरी ने जब वहां के स्थानीय मतदाताओं से बात की क्षेत्र के विकास, विधायक के प्रदर्शन समेत अन्य सवालों पर मिलाजुला रिस्पॉस मिला। हालांकि यहां का बड़ा तबका विधायक के काम से संतुष्ट नजर आता है। एक स्थानीय मतदाता ने कहा कि यहां विकास के काम बेहतरीन ढंग से हुए हैं। सड़क, बिजली और पानी समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं का लाभ जनता को सही ढंग से मिल रहा है।

इसके उल्ट एक वरिष्ठ मतदाता ने कहा कि विधायक का कार्यकाल समझ नहीं आ रहा है। सिर्फ किसानों पर ही फोकस किया जा रहा है। जैसा विकास होना चाहिए वैसा विकास नहीं हो पाया है। कई ऐसी समस्या है जिसका निदान नहीं हो पाया है।