Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : नई दिल्ली। हिमाचल में नजीजों के लिए बस कुछ ही देर बाकी है। पूरा देश गुजरात-हिमाचल के चुनाव परिणाम के लिए रात से ही टीवी के सामने बैठ चुके है। सभी की निगाहें दोनों राज्यों पर बनी हुई है। सभी उम्मीदवारों के लिए यह रात जागने वाली रात होगी। 8 दिसंबर की सुबह चाय का मजा तो टीवी पर रूझान देखते हुए आना है। चाय की पहली चुस्की के साथ देखें पहला रूझान। परिणाम का समय सिर पर हो तो नींद किसे आती है। सभी ने अपनी घडी की देखना शुरू कर दिया है। एग्जिट पोल में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। हालांकि, कुछ चैनल भाजपा को बढ़त भी दिखा रहे हैं। अभी तक जो सर्वे जारी किए गए हैं, उनके अनुसार हिमाचल में मुकाबला सबसे रोचक होने वाला है।
Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी ने इस बार 67 सीटों पर विधानसभा का चुनाव लड़ा है। इनमें से करीब छह सीटें ऐसी हैं जिनमें आप के प्रत्याशी बेहतर मत प्रतिशत हासिल करने की स्थिति में हैं। इनमें से सबसे बड़ा नाम फतेहपुर विधानसभा सीट में डॉ. राजन सुशांत का है जो कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं। इनके अलावा कसौली विधानसभा क्षेत्र से हरमेल धीमान, धर्मशाला से कुलवंत राणा, कुसुम्पटी से डॉ. राजेश चानना, पावंटा साहिब से मनीष ठाकुर और नालागढ़ से धर्मपाल चौहान इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए जीत या हार के रास्ते में बड़ा रोड़ा हैं।
जिला – 2022
चंबा – 74.02
कांगड़ा – 71.68
लाहौल-स्पीति – 73.37
कुल्लू – 76.88
मंडी – 75.17
हमीरपुर – 71.18
ऊना – 77.28
बिलासपुर – 76.21
सोलन – 77.00
सिरमौर – 79.08
शिमला – 72.05
किन्नौर – 72.38
Himachal Pradesh Assembly Elections Result 2022 : अगर हिमाचल प्रदेश के एक्जिट पोल की बात करें तो प्रदेश में 68 विस सीटों पर मतदान हुआ है। तो देखा जा रहा है कि बीजेपी को 24 से 34 के बीच सीटें मिल सकती है। तो वहीं कांग्रेस को 30 से 40 के बीच सीट मिलने का अनुमान है। और निर्दलीय के खाते में 4 से 8 तक सीट जा सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने गुजरात में जितना जोर दिखाया है उतना जोर हिमाचल में नहीं देखने को मिला। सर्द हवाओं ने ‘आप’ के संजोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का मुख हिमाचल प्रदेश की ओर मोडा ही नहीं। जिसके ‘आप’ का खाता ही नहीं खुलने का अनुमान देखा जा रहा है।
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इस बार भाजपा से बगावत कर बड़ी संख्या नेता निर्दलीय ही मैदान में कूदे हैं। भाजपा अपने विधायकों के साथ ही ऐसी सीटों का भी आकलन कर रही है जहां निर्दलीय दमदार भूमिका में हैं। अगर भाजपा की सीटें 30 से कम रहती हैं, तो कांग्रेस में आने वाली दरार पार्टी को नई संजीवनी दे सकती है। सीएम फेस पर सहमति न बनने के बाद कांग्रेस दोफाड़ हो सकती है, ऐसे में जो विधायक पार्टी से बाहर आएंगे, उन्हें भाजपा समर्थन देकर नई सरकार बना सकती है।