बिहार विधानसभा का सत्र हंगामेदार रहने की संभावना

बिहार विधानसभा का सत्र हंगामेदार रहने की संभावना

  •  
  • Publish Date - November 28, 2021 / 08:36 PM IST,
    Updated On - November 28, 2022 / 09:35 PM IST

पटना, 28 नवंबर (भाषा) बिहार में द्विसदनीय विधायिका का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा। इस सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है क्योंकि विपक्ष कई मुद्दों को लेकर सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में है।

राज्य की नीतीश कुमार सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने वाली है। सरकार इसे विपक्ष के हमलों के बीच पारित कराने का प्रयास करेगी।

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने आगे के कदम को लेकर पर्याप्त संकेत दिए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को दावा किया था कि बिहार में शराबबंदी के समय उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगाह किया था कि अन्य राज्यों से शराब की तस्करी रोक पाना काफी मुश्किल होगा पर उन्होंने (नीतीश) इसे सफलतापूर्वक लागू करने का भरोसा दिया था। उनकी पार्टी तब जदयू के साथ सत्ता साझा कर रही थी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री थे।

तेजस्वी यादव सदन में और बाहर बार-बार यह आरोप लगाते रहे हैं कि शराबबंदी केवल कागजों पर है और इसके उल्लंघन के लिए गरीब लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि साधन संपन्न लोगों को उनकी पसंद की शराब उनके दरवाजे पर पहुंच सकती है। शराबबंदी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद पुलिस की कथित मनमानी को लेकर राजद नाराज है।

एक और मुद्दा जिस पर सरकार को विपक्ष के निशाने का सामना करना पड़ सकता है, वह है नीति आयोग की गरीबी सूचकांक रिपोर्ट। नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के अनुसार बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के सबसे गरीब तीन राज्यों के रूप में सामने आए हैं जिसके बाद इन आंकड़ों को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर प्रारंभ हो गया है।

भाषा अमित नरेश

नरेश